जम्मू-कश्मीर विधानसभा को भंग करने के एक दिन बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने राज्य के संविधान के अनुरूप और उसके हित में यह फैसला लिया.
मलिक ने कहा विधायकों की खूब खरीद-फरोख्त हो रही थी. साथ ही कहा कि वह दल-बदल के जरिए सरकार बनाने की अनुमति नहीं दे सकते थे.
उन्होंने कहा, 'मैंने जम्मू-कश्मीर के संविधान के अनुरूप काम किया और राज्य के हित में विधानसभा भंग की.'
राज्यपाल ने कहा कि वह चाहते हैं कि राज्य में चुनाव हों और एक निर्वाचित सरकार कामकाज संभाले.
राजभवन में फैक्स मशीन के काम नहीं करने को लेकर उन्होंने कहा कि बुधवार को ईद थी. सरकार बनाने का दावा पेश करने के पीडीपी के पत्र के साथ ही नेशनल कॉन्फ्रेंस का समर्थन पत्र राज्यपाल के कार्यालय को प्राप्त नहीं होने के पीछे फैक्स नहीं मिलना वजह बताई गई थी.
उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला और पीडीपी की महबूबा मुफ्ती दोनों को यह पता होना चाहिए कि उस दिन कार्यालय बंद रहते हैं.
राज्यपाल ने बुधवार की रात अचानक राज्य विधानसभा भंग कर दी थी. इससे कुछ ही घंटे पहले पीडीपी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया था.
पीडीपी के दावे के बाद दो सदस्यीय पीपल्स कॉन्फ्रेंस ने भी बीजेपी और अन्य पार्टियों के 18 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा किया था.