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बीजेपी का संकल्प पत्र: सुझाव मांगने चली पार्टी को सबसे ज्यादा मोदी के नाम का भरोसा

दरअसल, बीजेपी की पूरी कसरत 2019 की लड़ाई में सफलता के लिए हो रही है. पार्टी की कोशिश है कि इतने सारे लोगों के साथ संपर्क करने से ये सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ किसी-न-किसी रूप में अपने-आप को जोड़ पाएंगे.

Amitesh

बीजेपी ने अगले पांच साल तक जनता के सामने पेश करने वाले अपने संकल्प पत्र को अंतिम रूप देने से पहले जनता से ही सुझाव लेने की शुरुआत कर दी है. 'संकल्प पत्र: भारत के मन की बात, मोदी के साथ' अभियान की शुरुआत पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और संकल्प पत्र समिति के प्रमुख गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने की. जैसा कि इस संकल्प पत्र अभियान के नाम से भी जाहिर हो रहा है, इसमें भारत के मन की बात प्रधानमंत्री के साथ करने की बात कही जा रही है. यानी देश भर के लोगों के मन की बात सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक जाएगी जिससे जानने, सुनने और समझने के बाद ही पार्टी की तरफ से 2019 के लिए संकल्प पत्र तैयार होगा.

दरअसल, संकल्प-पत्र ही 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए घोषणा पत्र या मेनिफेस्टो होगा. लेकिन, बीजेपी ने इसका नाम घोषणा पत्र के बजाए संकल्प पत्र दिया है. यानी बीजेपी जनता के बीच घोषणाएं करने के बजाए संकल्प के साथ मैदान में उतरने की तैयारी में है. पार्टी वादा करेगी लेकिन, उस वादे को पूरा करने का संकल्प भी लेगी. इस संकल्प के केंद्र में एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं, जिनके 5 साल के काम के आधार पर लोगों की तरफ से आए सुझाव और उन सुझावों के आधार पर न्यू इंडिया के निर्माण का संकल्प लिया जाएगा.


संकल्प-पत्र के लिए देश भर से सुझाव मांगने वाले अभियान के लिए रथ रवाना करते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने जनता से अपील करते हुए कहा,' यह कार्यक्रम भारतीय जनता पार्टी का नहीं है, देश की जनता का कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 'न्यू इंडिया' के निर्माण के सपने को साकार करना है. यह कार्यक्रम भारतीय जनता पार्टी का नहीं है बल्कि देश को सुरक्षित बनाने के लिए है. यह कार्यक्रम भारतीय जनता पार्टी का नहीं है बल्कि देश के हर गरीब के जीवन-स्तर को ऊपर उठाने के लिए है, देश के गौरव को पुन: प्रतिष्ठित करने के लिए है.'

बीजेपी पिछले पांच सालों में अपनी सरकार की उपलब्धियों का बखान करने में लगी है. पार्टी का दावा है कि चुनाव में पांच साल के पल-पल और पाई-पाई का हिसाब अपने वादे के हिसाब से देगी, जैसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया था. पार्टी की तरफ से हर स्तर पर उन लोगों से संपर्क किया जा रहा है जिन्हें पिछले पांच सालों के कार्यकाल के दौरान सरकार की किसी न किसी योजना का लाभ मिला है. पार्टी की तरफ से ऐसे 22 करोड़ लाभार्थियों की पहचान की गई है. इन्हें संपर्क कर पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसे को और मजबूत करने की कोशिश की गई है.

देश भर में 10 करोड़ लोगों से जन संपर्क कर पार्टी के संकल्प पत्र तैयार करने की कोशिश ही दिखा रही है कि इतने सारे लोगों का पार्टी के साथ सीधा संवाद हो सकेगा और इस संवाद के केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी ही होंगे, जिनके चेहरे के दम पर बीजेपी मैदान में उतरने की तैयारी में है.

बीजेपी ने संकल्प पत्र में सुझाव जानने के लिए देश के अलग-अलग राज्यों में 300 संकल्प रथ रवाना किया है जिसमें लगभग 7700 सुझाव पेटियां होंगी. ये रथ देश भर में करीब 4000 विधान सभा क्षेत्रों में जनसंपर्क कर लोगों के सुझाव एकत्रित करेंगे. सुझाव के संकलन के लिए हर राज्य में 20 लोगों की टीम गठित की गई है, जो एकत्रित सुझावों को जमा कर केंद्र को भेजेंगे, जहाँ पर 30 लोग की टीम इसकी स्क्रूटनी करेगी. पूरे संकल्प पत्र को 12 विभागों में बांटा गया है, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की अध्यक्षता में इन विभागों की विशेषज्ञ टीम इसका अध्ययन करेगी और सुझावों का संकलन कर संकल्प पत्र समिति इसे बीजेपी के संकल्प पत्र के तौर पर सामने लाएगी.

दरअसल, बीजेपी की पूरी कसरत 2019 की लड़ाई में सफलता के लिए हो रही है. पार्टी की कोशिश है कि इतने सारे लोगों के साथ संपर्क करने से ये सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ किसी-न-किसी रूप में अपने-आप को जोड़ पाएंगे. पार्टी की पूरी कवायद इसी के लिए हो रही है.