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4 महीने में वो काम किया जो 15 साल में नहीं हुआ: योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकास की योजनाओं में तुष्टीकरण नहीं होने देंगे जो भी भारतीय संविधान को मानेगा उसे योजनाओं का लाभ मिलेगा.

FP Staff

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंडल तथा जिले की कानून-व्यवस्था तथा विकास कार्य की समीक्षा के क्रम में सोमवार को सहारनपुर पहुंचे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को सहारनपुर में कहा कि पिछली सरकार में ग्रामीण आवास योजना एवं नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन के लाभार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरित किया. इस कार्यक्रम के दौरान ही अपनी सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा '15 साल में जो नहीं हुआ वो हमने 4 महीने में कर दिखाया.'

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी सरकार ने अपने कम समय के कार्यकाल में ही प्रदेश का नक्शा बदलने का प्रयास किया है. सरकार बिना किसी भेदभाव व क्षेत्रवाद के विकास का काम कर रही है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकास की योजनाओं में तुष्टीकरण नहीं होने देंगे जो भी भारतीय संविधान को मानेगा उसे योजनाओं का लाभ मिलेगा.


हर जिले को 24 घंटे बिजली देने का दावा

उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में बिजली सिर्फ पांच जिला तक सीमित नहीं है. हमने इस व्यवस्था को बदला है. अब जिला मुख्यालय को 24 घंटे, तहसीलों को 20 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली मिल रही है. हमने यह काम अंबेडकर जयंती पर 14 अप्रैल को किया था.

उन्होंने कहा कि प्रदेश के 24 लाख लोगों को 2019 तक आवास मिलेंगे. बिना भेदभाव के सभी का विकास करना हमारा लक्ष्य है. ऐसा नहीं है कि सीएम का जिला है तभी बिजली मिलेगी. हमारी सरकार किसी से भेदभाव नहीं कर रही है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुछ लोग कांवड़ यात्रा से पहले ही कांवड़ यात्रा तथा डीजे पर बैन लगाने की बात करते थे. मगर हमने उनको कह दिया कि वह अपनी जुबान पर बैन लगाएं. पर्व और त्योहार एकता के प्रतीक हैं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के उस बयान का भी मखौल उड़ाया जिसमें उन्होंने जन्माष्टमी पर हर थाने को पांच-पांच लाख रुपए देने की बात कही थी. योगी ने कहा 'लोकतंत्र में कोई वीआईपी नहीं होता, भेदभाव नहीं कर सकते. ये नहीं हो सकता कि मुख्यमंत्री का जिला है तो वहीं बिजली मिलेगी.'

उन्होंने कहा कि त्यौहार व्यवहार व एकता का प्रतीक है. समरसता के प्रतीक भगवान शिव से कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. भगवान शिव से बड़ा कोई उदाहरण देखने को नहीं मिलेगा.

हम प्रदेश में ईद-मोहर्रम, दिवाली-दशहरा भी मनाएंगे. ईद के मौके पर भी हमनें कोई रोक-टोक नहीं की. कानून के दायरे में रहकर हर कार्य उचित है.