view all

अनवर के इस्तीफे से दुखी हूं, उन्हें शरद पवार से एक बार बात करनी चाहिए थी- सुप्रिया सुले

राफेल मुद्दे पर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार का पीएम मोदी को क्लीन चिट देना पार्टी के लिए गले की हड्डी बन गया है

FP Staff

राफेल सौदे पर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के बयान से उठा बवाल शांत होने का नाम नहीं ले रहा. शुक्रवार को एनसीपी नेता और लोकसभा सांसद तारिक अनवर ने पार्टी के साथ ही साथ सांसद के पद से भी इस्तीफा दे दिया था. अनवर पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार से नाराज चल रहे थे. शरद पवार हाल ही अपने एक बयान में राफेल डील से संबंधित मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी का बचाव कर रहे थे.

अनवर के इस्तीफे को लेकर एनसीपी सांसद और शरद पवार की बेटी ने दुख व्यक्त किया है. सुले ने कहा- 'तारिक अनवर के पार्टी छोड़ने से मैं दुखी हूं. आश्चर्य की बात ये है कि 20 साल से वो जिस पार्टी से जुड़े थे उसे छोड़ने के पहले उन्होंने कोई कारण भी नहीं बताया और मतभेदों को दूर करने की कोशिश भी नहीं की. वो एक बार पवार साहब से बात कर सकते थे और सारी बातें स्पष्ट कर सकते थे.'


इसके साथ ही सुले ने अपने पिता शरद पवार द्वारा राफेल सौदे के लिए पीएम मोदी को क्लीन चिट देने की खबरों का खंडन करते हुए कहा- 'उनके (पवार) बारे में कहा जा रहा है कि उन्होंने पीएम को क्लीन चिट दे दी, ये गलत है. जो भी ये बात कह रहे हैं उन्होंने या तो उन्हें सुना नहीं है या फिर टीवी पर उनका इंटव्यू नहीं दिखा है या फिर जान बूझकर बातों को तोड़ मरोड़कर पेश कर रहे हैं.'

पिता का बचाव करते हुए सुले ने कहा कि- 'उन्होंने तीन चीजें कहीं जिसे लोगों ने नजरअंदाज कर दिया. पहला, सौदे में जेट विमान के दामों में बढ़ोतरी के लिए सरकार को सफाई देनी चाहिए. दूसरा, उन्होंने राफेल सौदे के लिए जेपीसी की मांग की. तीसरा, जेपीसी पर उन्होंने बीजेपी द्वारा अपनाए जा रहे दोहरे मापदंड के बारे में बात की. बीजेपी ने बोफोर्स के लिए जेपीसी की मांग की थी लेकिन राफेल के मुद्दे पर इससे कतरा रहे हैं.'

पवार ने एक मराठी न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान कहा था कि राफेल डील मुद्दे पर लोगों को प्रधानमंत्री के इरादों पर कोई शक नहीं. इसके बाद पवार की कही इस बात को अमित शाह से लेकर बीजेपी के कई नेताओं ने व्यापक रूप से कोट किया था. इसके बाद पार्टी में नाराजगी का दौर जारी है. तारिक अनवर की राह पर चलते हुए महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष हकीम ने भी इस्तीफा दे दिया और कहा कि पार्टी के और भी कई नेता तारिक अनवर के कदम का अनुसरण कर सकते हैं. उन्होंने दावा किया कि राफेल सौदे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शरद पवार द्वारा समर्थन किए जाने के बाद पार्टी की छवि का बचाव करना मुश्किल है.