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सबरीमाला मामले में HC की केरल सरकार को फटकार, धारा 144 लगाने पर मांगा जवाब

सत्ताधारी सीपीएम ने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि, संघ तालिबान और खालिस्तानी आतंकवादियों की तरह व्यवहार कर रहा है. उन्हें सबकुछ शांतिपूर्ण तरीके से करने देना चाहिए, मगर वो ऐसा नहीं कर रहे हैं

FP Staff

सबरीमाला मंदिर विवाद में केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है. अदालत ने धारा 144 लगाने को लेकर जवाब सरकार से तलब किया है.

कोर्ट ने सरकार ने मंदिर के आसपास के इलाके में धारा 144 लागू करने को लेकर विस्तृत जवाब मांगा है.


दूसरी ओर सत्ताधारी सीपीएम ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधा है. पोलित ब्यूरो के सदस्य एस. रामचंद्रन पिल्लई ने कहा कि संघ तालिबान और खालिस्तानी आतंकवादियों की तरह व्यवहार कर रहा है. उन्हें सबकुछ शांतिपूर्ण तरीके से करने देना चाहिए, मगर वो ऐसा नहीं कर रहे हैं.

गिरफ्तार बीजेपी नेता को मिली बेल

इस बीच पुलिस ने गिरफ्तार किए गए बीजेपी नेता के. सुरेंद्रन को बुधवार को रिहा कर दिया. केरल बीजेपी के महासचिव के. सुरेंद्रन को पुलिस ने बीते रविवार को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश में गिरफ्तार कर लिया था. कोर्ट के पेशी के बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.

पुलिस की हिरासत में बीजेपी नेता के. सुरेंद्रन (फोटो: पीटीआई)

इससे पहले मंगलवार को मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा था कि वो सबरीमाला में आरएसएस को दूसरा अयोध्या नहीं बनाने देंगे. उन्होंने संघ परिवार पर सबरीमाला के बहाने राज्य को बदनाम करने का आरोप लगाया था.

क्या है सबरीमाला मंदिर विवाद?

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले तक केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल तक की आयु की महिलाओं को मंदिर के अंदर प्रवेश वर्जित था. यहां सिर्फ छोटी बच्चियां और बुजुर्ग महिलाएं ही प्रवेश कर सकती थी. इसके पीछे मान्यता है कि भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी थे.

इस विवाद की शुरुआत कन्नड़ अभिनेत्री जयमाला के दावे से हुई थी. वर्ष 2006 में मंदिर के ज्योतिषी परप्पनगडी उन्नीकृष्णन ने कहा था कि मंदिर में मौजूद भगवान अयप्पा अपनी शक्ति खो रहे हैं और वो नाराज हैं. उन्नीकृष्णन ने कहा था कि किसी युवा महिला के मंदिर में प्रवेश करने की वजह से ऐसा हुआ है.

इसके बाद कन्नड़ अभिनेता प्रभाकर की पत्नी जयमाला का दावा सामने आया था. जयमाला ने कहा था कि उन्होंने अयप्पा की मूर्ति को छुआ था, यह बात 1987 की है, वो अपने पति के साथ मंदिर गई थीं और धक्का लगने की वजह से अयप्पा के चरणों में गिर गईं. अब वह इस बात का प्रायश्चित करना चाहती हैं.