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विजयादशमी उत्सव में बोले मोहन भागवत- सरकार कानून बनाकर करे राम मंदिर का निर्माण

भागवत ने कहा, रामजन्मभूमि पर जल्द से जल्द राम मंदिर बनना चाहिए. सरकार को कानून बनाकर मंदिर निर्माण करना चाहिए

FP Staff

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानि आरएसएस ने आज यानि गुरुवार को अपना 93वां स्थापना दिवस मनाया. इस मौके पर नागपुर में स्वयंसेवकों ने पथ संचलन किया. इस कार्यक्रम में नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मौजूद रहे.

सरसंघचालक मोहन भागवत ने शस्त्र पूजा की और हर बार की तरह विजयादशमी उत्सव के मौके पर भाषण दिया. इस भाषण में उन्होंने कई अहम मुद्दों पर बात की. भागवत ने कहा, 'भारत एक बार फिर विश्वगुरू बन सकता है लेकिन ऐसा तब होगा जब वह पंचामृत के मंत्र पर आगे बढ़ेगा. बाबर के रूप में एक भयानक आंधी आई थी और उसने हमारे देश के हिंदू-मुसलमानों को नहीं बख्शा. उसके जरिए समाज को रौंदा जाने लगा.'


उन्होंने कहा, 'महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के आधार पर राजनीति की कल्पना की थी. इसी वजह से पूरा देश अंग्रेजों के खिलाफ एकजुट हुआ. हम किसी से दुश्मनी नहीं करते लेकिन जो हमारे देश से दुश्मनी करते हैं, उनके लिए कुछ तो करना होगा.'

पाकिस्तान में हुआ सत्ता परिवर्तन लेकिन हरकत में कोई सुधार नहीं

भाषण के दौरान भागवत ने पाकिस्तान पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन हुआ लेकिन उनकी हरकतों में कोई अंतर नहीं आया. इसलिए हमें इतना शक्तिशाली होना होगा जिससे कोई हम पर हमला करने की हिम्मत ना कर पाए. बीते सालों में पूरी दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है.'

'पश्चिम बंगाल से लेकर हिंद महासागर तक कई द्वीप ऐसे हैं, जो सामरिक दृष्टि से काफी अहम हैं. ऐसे सभी द्वीपों की नाकाबंदी होनी चाहिए.' उन्होंने चीन पर निशाना साधते हुए कहा, 'कुछ शक्तियां मालदीव, श्रीलंका को अपनी तरफ करने की कोशिश कर रही हैं. हमारे देश को तोड़ने वाली शक्तियों को पाकिस्तान और इटली से समर्थन मिलता है.'

भागवत ने कहा, 'दूसरे देशों से लेन-देन के तरीके को बंद ना करें. बल्कि उसे इस तरह चलाएं कि अपनी सुरक्षा के लिए किसी पर निर्भर ना रहना पड़े. हमें देश में ही अपनी सुरक्षा से जुड़ी चीजों को बनाना चाहिए.'

सबरीमाला मंदिर मामले में सालों से चल रही परंपरा का सम्मान नहीं हुआ

'कुछ शक्तियां देश को अंदर से खोखला करना चाहती हैं. अपने ही देश के लोग इन शक्तियों के साथ खड़े हो जाते हैं, इन वजहों को दूर करने की जरूरत है. देश में पुलिस की हालत में सुधार की जरूरत है.'

भागवत ने कहा, 'अगर मदद समय पर न मिले तो वह मदद नहीं रह जाती. अनुसूचित जातियों के लिए योजनाएं बनती हैं लेकिन हर जगह समय पर लागू नहीं हो पाती.' उन्होंने कहा, 'माओवाद हमेशा अर्बन ही रहा है, ये समाज के उपेक्षित तबके का फायदा उठाता है, जिन छात्रों के पास सुविधाएं नहीं हैं, उन्हें भड़काता है.

भागवत ने सुभाष चंद्र बोस को याद किया. उन्होंने कहा, बोस ने आजाद हिंद फौज की स्थापना की और स्वतंत्र भारत की पहली सरकार विदेश में बनाई. उसे भी 150 साल हुए हैं.

सबरीमाला मुद्दे पर भी भागवत ने अपने विचार रखे. उन्होंने कहा, 'स्त्री पुरुष समानता अच्छी बात है, लेकिन सालों से चली आ रही परंपरा का सम्मान नहीं किया गया. धर्म के मुद्दे पर धर्माचार्यों से बात होनी चाहिए, वो बदलाव की बात को समझते हैं.' उन्होंने कहा, 'भारत के अंदर होने वाली हिंसा हमारे देश के लिए ठीक नहीं है, इस पर काम करना होगा.'

हिंदू-मुसलमान का मसला नहीं है राम मंदिर, कानून बनाकर सरकार करे निर्माण

भागवत ने राम मंदिर पर भी बयान दिया. उन्होंने कहा, 'हिंदू-मुसलमान का मसला नहीं है. यह भारत का प्रतीक है और जिस रास्ते से मंदिर निर्माण संभव है, मंदिर का निर्माण होना चाहिए. रामजन्मभूमि पर जल्द से जल्द राम मंदिर बनना चाहिए. सरकार को कानून बनाकर मंदिर निर्माण करना चाहिए.' संघ प्रमुख ने कहा कि राम सिर्फ हिंदुओं के नहीं हैं, बल्कि पूरे देश के हैं.

भागवत ने साफ किया कि हम किसी एक पार्टी के पीछे नहीं खड़े हैं, हमारा मकसद देश को सही तरीके से चलाना है. मतदान के मुद्दे पर भागवत ने कहा कि यह सबका अधिकार है लेकिन नोटा का इस्तेमाल बुद्धिमानी नहीं है.