राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को हिंदू समुदाय से एकजुट होकर मानव कल्याण के लिए काम करने की अपील की. विश्व हिंदू सम्मेलन में करीब 2,500 लोगों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि हिंदू समाज में प्रतिभावान लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है. हिंदू सिद्धांत से प्रेरित अपने संबोधन में भागवत ने कहा, ‘लेकिन वे कभी साथ नहीं आते हैं. हिंदूओं का साथ आना अपने आप में मुश्किल है.’
उन्होंने कहा कि हिंदू हजारों वर्षों से प्रताड़ित हो रहे हैं क्योंकि वे अपने मूल सिद्धांतों का पालन करना और आध्यात्मिकता को भूल गए हैं. सभी लोगों के साथ आने पर जोर देते हुए भागवत ने कहा, ‘हमें साथ आना होगा. हमें एकसाथ काम करने की जरूरत है.' उन्होंने कहा कि हिंदू समाज तभी उन्नति करेगा जब हम सब एकसाथ एक समाज के रूप में काम करेंगे. कुछ संगठन और पार्टी अकेले काम करते हैं जो कि पर्याप्त नहीं है. मानव जाति की भलाई के लिए एक लक्ष्य को निर्धारित करते हुए एकसाथ काम करना होगा.
भागवत ने कहा कि हिंदू किसी का विरोध करने के लिए जीवित नहीं रहते हैं लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हो सकते हैं जो हमारा का विरोध करते हैं. ऐसे लोग हमें नुकसान न पहुंचा पाएं, इसके लिए हमें खुद को तैयार करने की जरूरत है. बता दें कि शिकागो में स्वामी विवेकानंद के 11 सितंबर 1893 को दिए गए चर्चित भाषण के 125 साल पूरे होने पर विश्व हिंदू कांग्रेस ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया था. इसी कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत एकजुट होकर काम करने की चर्चा करते नजर आए.