तेजस्वी यादव के इस्तीफे को लेकर बिहार में सत्ताधारी गठबंधन में शामिल दो दलों आरजेडी और जेडीयू के बीच जारी तनातनी को खत्म करने की तमाम कोशिशें चल रही है.
बुधवार को आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने पार्टी अध्यक्ष लालू यादव से उनके आवास पर जाकर मुलाकात करने के बाद कहा कि गठबंधन पहले की तरह मजबूत है. उन्होंने कहा कि दोनों दलों के बीच पैदा हुई गलतफहमी दूर हो गई है.
इससे पहले, जारी सियासी कलह के बीच मंगलवार शाम को मुख्यमंंत्री नीतीश कुमार ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ बंद कमरे में आधे घंटे तक बातचीत की. दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई इस बारे में कोई आधिकारिक ब्योरा नहीं मिल पाया है. लेकिन समझा जा रहा है कि तेजस्वी ने मुलाकात के दौरान नीतीश को सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए केस को लेकर अपनी सफाई पेश की.
आरजेडी के एक नेता के मुताबिक मंगलवार को बुलाई गई कैबिनेट की बैठक के बाद तेजस्वी नीतीश के चेंबर में गए, जहां दोनों के बीच लगभग आधे घंटे तक बातचीत हुई.
भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई द्वारा आरोपी बनाए जाने के बाद तेजस्वी और नीतीश के बीच यह पहली मुलाकात थी.
यहां बता दें कि तीन दिन पहले हुए एक सरकारी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की मौजूदगी के बाद तेजस्वी उस कार्यक्रम में नहीं आए थे. इसके बाद मंच पर लगी उनकी नेमप्लेट हटा दी गई थी.
भ्रष्टाचार के मामले में लालू परिवार पर FIR दर्ज
सीबीआई ने लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव समेत उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है. सीबीआई ने बीते 7 जुलाई को पटना समेत देशभर के 12 स्थानों पर छापेमारी की थी. यह मामला साल 2004 का है, जब लालू यादव देश के रेलमंत्री थे और तेजस्वी की उम्र 14 साल थी. आरोप है कि उन्होंने रेलवे के दो होटल को एक निजी कंपनी को लीज पर दिलाया. जिसके बदले में उन्हें पटना में तीन एकड़ जमीन का मालिकाना हक दिया गया.
भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद जेडीयू, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बेदाग छवि को लेकर तेजस्वी पर इस्तीफे के लिए दबाव बनाए हुए है. हालांकि लालू ने साफ कर दिया है कि तेजस्वी के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता. उनका कहना है कि अगर कोई एफआईआर पर इस्तीफा देने लगे तब तो बहुत लोगों को इस्तीफा देना होगा.