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अार-पार की लड़ाई के मूड में लालू, तेजस्वी के इस्तीफे से इनकार

क्या नीतीश कुमार अभी भी अपने डिप्टी सीएम के भ्रष्टाचार के मामले पर चुप्पी साधे रहेंगे

Amitesh

पटना में 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर सुबह से ही विधायकों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था. आरजेडी विधायकों के तेवर से साफ था कि वो अपने नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के उपर पद छोड़ने के दबाव से दबने वाले नहीं. तेजस्वी के प्रति अपनी आस्था दिखाते हुए सभी विधायक राबड़ी आवास में दाखिल हुए.

फिर, विधानमंडल दल की बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब अब्दुल बारी सिद्दीकी ने साफ कर दिया कि तेजस्वी के इस्तीफे को लेकर विधानमंडल दल की बैठक में कोई चर्चा ही नहीं हुई. आरजेडी के तेवर से साफ है कि वो तेजस्वी के इस्तीफे पर राजी नहीं होगी.


भ्रष्टाचार और इस्तीफे पर आरजेडी की चुप्पी 

लालू, राबड़ी और तेजस्वी के खिलाफ सीबीआई ने जब से केस दर्ज किया है तभी से तेजस्वी पर पद छोड़ने को लेकर दबाव है. इसी वजह से आरजेडी की बैठक पर सबकी नजरें टिकी हुई थीं. लेकिन, बैठक के बाद मीडिया से रू-ब-रू आरजेडी के वरिष्ठ नेता और वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी भ्रष्टाचार के इस बड़े मामले पर कुछ भी बोलने से बचते नजर आए.

सिद्दीकी से बार-बार सवाल किया गया, काफी कुरेदा भी गया, लेकिन, ना ही उन्होंने भ्रष्टाचार के इन आरोपों पर ही कुछ बोला और ना ही इस्तीफे के मुद्दे को इस बैठक का एजेंडा बताया.

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लेकिन, काफी कुरेदने के बाद उनके भीतर की वो बात जुबां पर सामने आ ही गई जिसको लेकर आरजेडी के नेता इन दिनों रट लगा रहे हैं. सिद्दीकी ने एक बार फिर आरोप लगा दिया कि जो कुछ भी हो रहा है उसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही जिम्मेदार हैं.

उन्होंने इतना जरूर माना की आरजेडी विधायकों की बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि बीजेपी घृणा की राजनीति कर रही है जो कि सरकार को अस्थिर करने की कोशिश है.

बीजेपी पर बोला हमला 

अब्दुल बारी सिद्दीकी तेजस्वी से जुड़े सवालों पर असहज दिखे. उन्होंने एक बार फिर से बीजेपी पर हमलावर रुख दिखाते हुए कहा हमारी हस्ती मिटाने की कई बार कोशिश हुई, लेकिन, हम उतने ही मजबूत हुए.

आरजेडी के सभी नेता बार-बार सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की दुहाई देकर सीबीआई की तरफ से भ्रष्टाचार के मामलों में हो रही कार्रवाई से बच निकलने का बहाना ढूंढ़ रहे हैं. लेकिन, इस बार मामला बस इतना भर नहीं है.

भ्रष्टाचार के मामले काफी संगीन हैं और इन आरोपों के घेरे में सीधे हैं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव. आरोपों के घेरे में लालू और राबड़ी भी हैं. लेकिन, चूंकि तेजस्वी यादव नीतीश सरकार में मंत्री हैं तो भ्रष्टाचार के आरोपों के लपेटे में वही आ रहे हैं.

नीतीश ने बढ़ाया सस्पेंस

अपने उपमुख्यमंत्री के उपर सीबीआई की तरफ से भ्रष्टाचार के आरोप में केस दर्ज होने के बावजूद नीतीश अबतक खामोश हैं. स्वास्थ्य लाभ लेने पटना से बाहर राजगीर पहुंच चुके नीतीश की खामोशी ने सस्पेंस और बढ़ा दिया है.

लालू-राबड़ी आवास पर सीबीआई की छापेमारी के बाद दूसरे दलों के कई नेताओं ने लालू का कुशल-क्षेम पूछा. सीबीआई छापे के लिए बीजेपी को जिम्मेदार भी ठहराया. लेकिन, इस पर नीतीश ने चुप्पी साध ली. लालू और उनके बेटे को लेकर कोई हमदर्दी तक नहीं दिखाई. उल्टे परेशान दिखे.

अलबत्ता आरजेडी नेता जगदानंद सिंह ने कहा कि कल नीतीश कुमार ने भी लालू यादव को फोन किया था. लेकिन, नीतीश के इस फोन कॉल के बाद भी ऐसा लगता नहीं है कि तेजस्वी के इस्तीफे के मुद्दे पर किसी तरह का कोई फॉर्मूला निकल पाया है.

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आरजेडी की बैठक के अगले ही दिन पटना में नीतीश कुमार ने भी अपनी पार्टी के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है, जिसमें जिलाध्यक्ष स्तर के पार्टी पदाधिकारी भी शिरकत करेंगे. ताजा सियासी घटनाक्रम के बीच नीतीश की बुलाई गई बैठक को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं.

आखिरकार नीतीश इस बैठक में क्या संदेश देते हैं. क्या नीतीश कुमार अभी भी अपने डिप्टी सीएम के भ्रष्टाचार के मामले पर चुप्पी साधे रहेंगे. इसपर सबकी नजरें टिकी होंगी.

लेकिन, लालू की तरफ से अपने बेटे तेजस्वी और नीतीश की तरफ से अपने डिप्टी सीएम तेजस्वी को लेकर खींचतान बड़ी खाई में तब्दील हो सकती है.