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रामायण के अन्य किरदारों को भी तैयार रखने चाहिए अपने जाति प्रमाण पत्र: शिवसेना

शिवसेना के मुताबिक अयोध्या में राम मंदिर का अभी निर्माण किया जाना है, लेकिन भक्ति और वफादारी के अवतार हनुमान की जाति को लेकर बीजेपी में एक बहस शुरू हो गई है

FP Staff

शनिवार को हनुमान जी की जाति को लेकर चल रही बहस पर चुटकी लेते हुए बीजेपी के सहयोगी दल शिवसेना ने तंज कसा है. शिवसेना का कहना है कि बेहतर है कि रामायण के अन्य पात्र भी अब अपना जाति प्रमाण पत्र तैयार रखें.

इसी के साथ पार्टी ने इस बहस को बेबुनियाद और निराधार बताया है. उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में हनुमान जी पर जाति का ठप्पा लगाकर नई रामायण लिखने की कोशिशें की जा रही हैं. पार्टी का मानना है कि ऐसी कोशिशों को रोका जाना चाहिए.


शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में लिखा, ‘अयोध्या में राम मंदिर का अभी निर्माण किया जाना है. लेकिन भक्ति और वफादारी के अवतार हनुमान की जाति को लेकर बीजेपी में एक बहस शुरू हो गई है. भगवान हनुमान के धर्म और जाति पर बहस करने का क्या तुक है.’

हनुमान जी की जाति पर छिड़ा हुआ है विवाद

लेख में कहा गया है, ‘हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में प्रचार करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि हनुमान दलित थे. इसके बाद कई अन्यों ने यह दावा किया कि हनुमान उनकी जाति के थे.’

इसमें कहा गया है, ‘इसके बाद उनके पार्टी के नेता और पार्षद बुक्कल नवाब ने कहा कि वह मुसलमान थे. असल में भगवान हनुमान की जाति का पता लगाना मूर्खता है.’ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा कि आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल के सहकर्मी लक्ष्मी नारायण चौधरी ने विधानसभा में ऑन रिकॉर्ड कहा था कि भगवान जाट थे.

शिवसेना ने कहा कि आचार्य निर्भय सागर महाराज ने दावा किया कि जैन ग्रंथों के अनुसार, भगवान हनुमान जैन थे. ‘सामना’ में कहा गया है, ‘इस तरीके से उत्तर प्रदेश विधानसभा में नई रामायण लिखी जा रही है और उसके मुख्य पात्रों के साथ जाति का ठप्पा लगाया जा रहा है. अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनाया जाना था लेकिन ये लोग राम के भक्त की जाति पता करने की कोशिश कर रहे हैं.’

बना रहे हैं हनुमान का मजाक

संपादकिय में कहा गया है, ‘इस तरीके से वे हनुमान का मजाक बना रहे हैं. लेकिन जो लोग अपने आप को हिंदुत्व का संरक्षक कहते हैं वे इस पर चुप्पी साधे हुए हैं. अगर यह मुस्लिमों या ‘प्रगतिशील’ लोगों ने किया होता तो यह हिंदुत्व सेना हंगामा कर देती.’

शिवसेना ने कहा, ‘हाल के चुनावों में बीजेपी की हार का सामना करने के बावजूद हनुमान की जाति पर बहस जारी रहने की संभावना है. अत: रामायण के अन्य पात्रों को भी अब अपना जाति प्रमाणपत्र तैयार रखना चाहिए.’

(इनपुट भाषा से)