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क्या सुपरस्टार रजनीकांत जर्नलिस्ट भी रह चुके हैं? ये रहा जवाब

रजनीकांत ने कहा था कि वो भी कभी कन्नड़ जर्नलिस्ट थे. उन्होंने संयुक्त कर्नाटक अखबार में प्रूफरीडर के तौर पर दो महीनों के लिए काम किया था

FP Staff

राजनीति में एंट्री कर रहे रजनीकांत के बस कंडक्टरी के दिनों की कहानी तो पूरी दुनिया जानती है. लेकिन रजनीकांत ने एक नई बात का खुलासा कर सबको चौंका दिया. उन्होंने कहा कि वो एक वक्त पर कन्नड़ पत्रकार थे. इसके बाद तो लोगों ने जांच पड़ताल शुरू कर दी.

मंगलवार को रजनीकांत ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि वो भी कभी कन्नड़ जर्नलिस्ट थे. उन्होंने संयुक्त कर्नाटक अखबार में प्रूफरीडर के तौर पर दो महीनों के लिए काम किया था.


बता दें कि ये अखबार 90 साल पुराना है. ये अखबार अंग्रेजों के खिलाफ वैचारिक लड़ाई लड़ने और कन्नड़भाषी राज्यों को एकजुट करने के लिए काम करता था. ये अखबार अब भी चलता है.

न्यूज18 की रिपोर्ट में रजनीकांत के इस नए खुलासे की पूरी रिपोर्ट मिली है. उन्होंने भले ही ये खुलासा किया हो, लेकिन संयुक्त कर्नाटक मैनेजमेंट को ही इस बारे में नहीं पता था. इस अखबार को चलाने वाली लोक शिक्षण ट्रस्ट से जब इस बारे में बात की गई तो इसके अध्यक्ष उमेश भट ने इस पूरे मामले से पर्दा उठाया.

उन्होंने बताया कि रजनीकांत कभी उनके कर्मचारी नहीं रहे. उन्होंने अपने एचआर डिपार्टमेंट और सीनियर स्टाफ से भी इस बारे में पूछा, तब उन्हें पता चला कि रजनीकांत के करीबी मित्र रामचंद्र राव वहां बतौर प्रूफरीडर काम करते थे. वो कुछ ही साल पहले वहां रिटायर हो चुके हैं. रजनीकांत उनसे ही कभी-कभी मिलने आते थे. चूंकि उनकी पत्रकारिता में दिलचस्पी थी को वो उनकी प्रूफरीडिंग में मदद किया करते थे.

भट ने कहा कि लेकिन ये कोई आधिकारिक नौकरी नहीं थी. और उन्हें नहीं लगता था कि अखबार उन्हें इसके पैसे देता था.

हालांकि, इसके बाद भट ने कहा कि रजनीकांत का अखबार से जुड़े होना सम्मान की बात है और अब वो जल्द ही उन्हें अपने ऑफिस में आने का निमंत्रण भी देंगे.