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कांग्रेस की चुनावों में शानदार वापसी में न केवल वसुंधराराजे सिंधिया सरकार के लिए संदेश छिपा है, बल्कि मध्य प्रदेश में भी बीजेपी के लिए खतरे की घंटी बजा दी है

FP Staff

राजस्थान की दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर उपचुनाव के नतीजों में बीजेपी का गढ़ दरकता हुआ नजर आ रहा है. कांग्रेस की चुनावों में शानदार वापसी में न केवल वसुंधराराजे सिंधिया सरकार के लिए संदेश छिपा है, बल्कि मध्य प्रदेश में भी बीजेपी के लिए खतरे की घंटी बजा दी है.

दरअसल, राजस्थान के बाद अब मध्य प्रदेश में इसी महीने अशोक नगर जिले की मुंगावली और शिवपुरी जिले की कोलारस विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान होना है. दोनों जगहों पर कांग्रेस विधायक के निधन से खाली हुई सीट पर बीजेपी के लिए मौजूदा समीकरण अच्छा संकेत नहीं है. राजस्थान में 'कांग्रेस' लहर इन दोनों जगहों पर बीजेपी को और कमजोर कर देगी.


मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस ने हासिल की जीत

राजनीति के जानकार शुरू से ही मान रहे हैं कि बीजेपी के लिए दोनों सीटों पर जीतना आसान नहीं होगा. 2013 में मोदी लहर के बावजूद दोनों जगहों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों ने चुनाव में जीत हासिल की थी. 2018 चुनाव में कांग्रेस के चेहरे के रूप में उभर रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया का इन दोनों जगहों पर काफी मजबूत आधार है. ऐसे में राजस्थान के नतीजे कांग्रेस को उत्साहित कर रहे है.

मध्य प्रदेश की राजनीति को बेहद करीब से देखने वाले विशेषज्ञ मानते हैं कि राजस्थान उपचुनाव के नतीजे राज्य की दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव में मतदाताओं पर व्यापक असर डालेंगे. राज्य में पिछले दिनों नगरीय निकाय चुनाव में भी भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा संघर्ष हुआ था और मुकाबला अंत में 9-9 की बराबरी पर छूटा था.

राज्य में अटेर और चित्रकूट विधानसभा सीट पर पूर्व में हुए चुनाव में भी कांग्रेस के उम्मीदवार शानदार जीत दर्ज कर चुके है. साथ ही कोलारस और मुंगावली में कांग्रेस ने एकजुट होकर हल्ला बोला है, जबकि बीजेपी अंतर्कलह से जुझ रही है. ऐसे में राजस्थान की लहर कम से कम उपचुनाव में कांग्रेस की नैया को चुनावी वैतरणी में पार लगा सकती है.

(साभार : न्यूज 18)