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राजस्थान: मुश्किल लड़ाई के लिए जोशीले भाषण से बीजेपी योद्धाओं को तैयार कर रहे हैं अमित शाह

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का जयपुर में बयान अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश है

Amitesh

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का जयपुर में बयान अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने जयपुर में शक्ति केंद्रों के सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले अखलाक का मुद्दा आया, फिर अवार्ड वापसी का दौर चला, फिर भी हम जीते. उन्होंने कहा कि हर चुनाव से पहले इस तरह का मुद्दा आ जाता है लेकिन हम जीतते हैं. बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि राजस्थान में बीजेपी अंगद के पांव की तरह है और यहां से उसे कोई उखाड़ नहीं सकता.

बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बीजेपी अध्यक्ष की तरफ से दिया गया यह बयान अपने कार्यकर्ताओं के भीतर उर्जा का संचार करने वाला था. पार्टी अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं के सम्मेलन के दौरान उनके भीतर यह आत्मविश्वास बढ़ाने की कोशिश की है कि हर हाल में उन्हीं की जीत होगी.


मध्यप्रदेश, छत्तीगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा का चुनाव होने वाला है. राजस्थान में बीजेपी की वसुंधरा राजे सरकार को लेकर लोगों में नाराजगी भी देखने को मिल रही है. राजनीति के जानकार भी मानते हैं कि बीजेपी शासित तीन राज्यों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में से राजस्थान में ही पार्टी को ज्यादा परेशानी हो रही है. अब बीजेपी अध्यक्ष की तरफ से अपने कार्यकर्ताओं के भीतर उर्जा का संचार करने की कोशिश हो रही है.

अमित शाह पार्टी के कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाने की कोशिश में हैं. यही वजह है कि अमित शाह ने जयपुर के सम्मेलन में यह बयान दिया कि राजस्थान में बीजेपी अंगद के पांव की तरह जमी हुई है, जिसे हटाना मुश्किल है. बीजेपी अध्यक्ष ने यूपी चुनाव का हवाला देकर अखलाक और अवार्ड वापसी गैंग की बात की है. यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले अखलाक ही हत्या असहिष्णुता के मुद्दे को जोर-शोर से उठाकर कई बुद्धिजीवियों की तरफ से अवार्ड वापसी की गई थी. बीजेपी और सरकार के खिलाफ एक माहौल बनाने की कोशिश की गई थी कि मोदी राज में असहिष्णुता का माहौल है. लेकिन, यूपी की जनता ने इन सब कोशिशों को नकार दिया था. 2017 की शुरुआत में ही हुए विधानसभा चुनाव के वक्त यूपी की जनता ने बीजेपी के पक्ष में एकतरफा जीत दिला दी.

अमित शाह ने यूपी का जिक्र कर यही आत्मविश्वास बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं कि जब यूपी में हम इतने बड़े अंतर से जीत सकते हैं तो फिर राजस्थान में भी ऐसा हो सकता है. राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा में कई जगह विरोध का सामना भी करना पड़ा है. हालांकि राजे और बीजेपी के बाकी नेताओं की तरफ से इसे कांग्रेस की साजिश बताया जा रहा है.

खैर बीजेपी के नेता भले ही इसे कांग्रेस की साजिश बता रहे हों लेकिन राजस्थान से आ रही मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये विधानसभा चुनाव पार्टी के लिए मुश्किल दिख रहा है. ऐसे में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह कार्यकर्ताओं के जोश को बढ़ाने की पुरजोर कोशिशों में लगे हुए हैं जिससे कार्यकर्ताओं का मनोबल एक 'मुश्किल लड़ाई' में ऊंचा रहे. राजनीति के बारे में कहा भी जाता है कि जोश से भरे कार्यकर्ता ही बड़े नेताओं के असली तारणहार होते हैं. और शायद अमित शाह इस बात को बेहतर ढंग से समझते हैं.