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राजस्थान विधानसभा चुनाव का प्रचार खत्म, कितने हावी रहे भावनात्मक मुद्दे?

राजस्थान और तेलंगाना विधानसभा चुनाव प्रचार खत्म हो गया है. 7 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे.

Amitesh

राजस्थान और तेलंगाना विधानसभा चुनाव प्रचार खत्म हो गया है. 7 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे. लेकिन, इस बार राजस्थान विधानसभा चुनाव की चर्चा खूब रही. छत्तीसगढ़ के अलावा मध्यप्रदेश और मिजोरम में चुनाव पहले ही हो चुका है. पांचों राज्यों में एक ही दिन 11 दिसंबर को मतगणना हो रही है. लेकिन, इस बार का चुनाव नेताओं की बयानबाजी और एक-दूसरे पर हमले के लिए लंबे वक्त तक याद किया जाएगा.

चुनाव प्रचार के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्ता वेस्टलैंड सौदे को लेकर मोदी ने यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी पर जोरदार हमला किया. मोदी ने कहा कि वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में बिचौलिए को भारत लेकर आए हैं. अब पता नहीं कि वो सोनिया गांधी और उनकी सरकार को लेकर क्या क्या राज खोलेगा.


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गौरतलब है कि अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में बिचौलिए क्रिश्चिएन मिशेल को भारत लाया गया है, जिससे पूछ-ताछ में सीबीआई को यूपीए सरकार के वक्त हुए अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में गड़बड़ी को लेकर कई राज सामने आ सकते हैं. मोदी राजस्थान चुनाव प्रचार के आखिरी दिन कांग्रेस को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कठघरे में खड़ा कर दिया.

बीजेपी की तरफ से अब कांग्रेस को डराया जा रहा है कि राजदार मिशेल के भारत आने के बाद अब नामदारों की खैर नहीं. दरअसल, कांग्रेस की तरफ से राफेल सौदे में जिस तरह से बीजेपी सरकार पर हमले हो रहे हैं, उसकी काट के लिए अब बीजेपी के हाथ अगस्ता वेस्टलैंड सौदे का मुद्दा फिर हाथ लग गया है. मिशेल के भारत आने के बाद अब नए सिरे से भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चर्चा तेज हो गई है.

चुनाव प्रचार के आखिरी दिन कांग्रेस नेता सचिन पायलट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से आए इस बयान को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के उस बयान का जवाब माना जा रहा है, जो कि वो लगातार उठा रहे हैं. राहुल गांधी ने एक दिन पहले ही अलवर में प्रधानमंत्री को भारत माता की जय कहने के बजाए नीरव मोदी, ललित मोदी और मेहुल चौकसी की जय बोलने की नसीहत दी थी.

मोदी ने कांग्रेस के एक नेता के उस वीडियो पर कटाक्ष करते हुए कहा था जिसमें कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को भारत माता की जय के बजाए सोनिया गांधी की जय बोलने के लिए तथाकथित तौर पर कहा गया था. मोदी ने इस मुद्दे को भी कांग्रेस के राष्ट्र प्रेम और परिवार के प्रति भक्ति से जोड़कर जोरदार हमला बोला था, जिसपर पलटवार राहुल की तरफ से भी हुआ था.

दरअसल, पूरे चुनाव के दौरान कई ऐसे बयान आए जिसपर खूब बवाल हुआ. प्रधानमंत्री के चुनाव प्रचार में उतरने से पहले राहुल गांधी बनाम अमित शाह चल रहा था, लेकिन, मोदी ने जैसे ही प्रचार की कमान संभाली चुनाव में बयानबाजी और हमले के केंद्र में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी आ गए.

राजस्थान में हिंदुत्व के मुद्दे पर भी मोदी और राहुल में खूब बयानबाजी हुई. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि मोदी को हिंदुत्व की नींव नहीं मालूम है. मोदी के हिंदुत्व के प्रति ज्ञान पर सवाल उठाने के बाद पलटवार मोदी की तरफ से भी हुआ. उदयपुर में उठाए गए राहुल गांधी के सवाल का जवाब मोदी ने जोधपुर में दिया. मोदी ने कहा कि हिंदुत्व हिमालय से भी ऊंचा और समुद्र से भी गहरा है.

इसे समेटना इंसान के वश की बात नहीं है. मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली इनकी सरकार ने भगवान राम के वजूद पर ही सवाल उठाए थे, लेकिन, अब ये मुझसे हिंदुत्व पर सवाल खड़ा कर रहे हैं.

दरअसल, पांचों राज्यों के विधानसभा चुनाव में भले ही मोदी और राहुल के बीच की बयानबाजी की चर्चा हुई. लेकिन, दूसरे नेताओं की तरफ से भी खूब बयान दिए गए जिसने न सिर्फ सुर्खियां बटोरी , बल्कि, उन बयानों पर जमकर राजनीति भी हुई.

देखते ही देखते विकास के मुद्दे पर चर्चा का दावा होते-होते पूरा चुनाव भावनात्मक मुद्दों की तरफ चला गया. कभी मंदिर पर तो कभी जाति पर चर्चा तो कभी गोत्र, तो कभी बजरंगबली तक का मुद्दा चुनावों में हावी हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां पर तंज कसकर कांग्रेस नेता राजबब्बर ने बीजेपी को हमला करने का मौका दे दिया.

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राज बब्बर ने मध्यप्रदेश में तो सी.पी. जोशी ने राजस्थान में मोदी समेत उभा भारती और साध्वी ऋतंभरा की जाति-धर्म पर बयान देकर मामले को और गरमा दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी रैलियों में पलटवार करते हुए अपनी मां और जाति पर किए गए सवाल पर प्रहार किया.

दूसरी तरफ, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान के पुष्कर के ब्रम्हा मंदिर में अपने गोत्र का जिक्र कर दिया. जनेऊधारी राहुल गांधी की तरफ से गोत्र बताए जाने का मुद्दा उनके नरम हिंदुत्व कार्ड से जोडकर देखा गया, जिस पर जमकर राजनीति हुई. लेकिन, रही-सही कसर चुनाव प्रचार के दौरान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर दी.

हमेशा अपने विवादास्पद बयानों के लिए जाने जाने वाले योगी आदित्यनाथ ने इस बार बजरंगबली को लेकर ऐसा बयान दिया जिस पर वो खुद घिर गए. योगी आदित्यनाथ की तरफ से बजरंगबली को दलित बताने वाले बयान पर जब हंगामा हुआ तो बीजेपी को सफाई देनी पड़ी. लेकिन, चुनाव प्रचार में इस तरह के मुद्दे भावनात्मक तौर पर लोगों को जोडने के लिए उठाए जाते हैं.

लेकिन, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश में लगी कांग्रेस के लिए इस तरह के मुद्दे बहुत फायदेमंद नहीं हो सकते हैं. बेहतर होता कांग्रेस मोदी पर निजी हमला करने के बजाए वहां की सरकारों के काम-काज पर ही फोकस करती.