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राजस्थान चुनाव: कांग्रेस के इन नेताओं के रिश्तेदारों को मिला टिकट, ये रह गए खाली हाथ...

पहली सूची में विधानसभा की 200 सीटों में से 152 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान हो चुका है, टिकट बंटवारे की खबसे खास बात है कि 15 नेता अपने रिश्तेदारों को टिकट दिलाने में सफल हुए हैं

FP Staff

कांग्रेस ने आखिरकार राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. पार्टी के नेता समेत समर्थक भी इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. पहली सूची में विधानसभा की 200 सीटों में से 152 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान हो चुका है. 4 पैराशूट उम्मीदवार भी टिकट पाने में कामयाब हुए हैं. इसके अलावा कांग्रेस ने 19 महिलाओं और 9 मुस्लिम को भी टिकट दिया है. राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी चुनाव लड़ रहे हैं. टिकट बंटवारे की खबसे खास बात है कि 15 नेता अपने रिश्तेदारों को टिकट दिलाने में सफल हुए हैं.

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राजस्थान चुनाव के लिए कांग्रेस ने 152 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है. इसमें कई ऐसे नाम हैं जो नेताओं के रिश्तेदारों के हैं. 15 कांग्रेस नेता अपने लोगों को टिकट दिलाने में कामयाब हुए हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री अबरार अहमद के बेटे दानिश, महिपाल मदेरणा की बेटी दिव्या, नारायण सिंह के बेटे वीरेंद्र चौधरी, मकबूल मंडेलिया की बेटे रफीक मंडेलिया, हीरालाल इंदौरा के बेटे कुलदीप, सहदेव शर्मा के बेटे प्रशांत, द्वारका प्रसाद बैरवा के बेटे प्रशांत को पार्टी ने टिकट दिया है.

इसके अलावा गुलाब सिंह शक्तावत के बेटे गजेंद्र सिंह, रामनायारण चौधरी की बेटी रीटा, गोविंद सिंह गुर्जर के भाई रामनारायण, खेमराज कटारा के बेटे विवेक, शीशराम ओला के बेटे ब्रजेंद्र सिंह, मलखान विश्नोई के बेटे महेंद्र, जुझार सिंह के बेटे भरत सिंह और भीखा भाई के बेटे सुरेंद्र को कांग्रेस ने टिकट दिया है.

इनके रिश्तेदारों को नहीं मिला मौका

वहीं कुछ नेता अपने रिश्तेदारों को टिकट दिलाने में सफल नहीं हो पाए हैं. सिरोही से संयम लोढ़ा खुद के लिए या अपने बेटी के लिए टिकट मांग रहे थे लेकिन उनकी मांग को खारिज कर दिया गया है. इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर की बेटी और पौत्र को भी टिकट नहीं दिया गया है. आहोर से पूर्व मंत्री भगराज चौधरी अपने बेटे के लिए टिकट चाह रहे थे लेकिन उन्हें निराशा हाथा लगी है. पूर्व सीएम जगन्नाथ पहाड़िया ने भी बेटे के लिए टिकट की मांग की थी लेकिन वे असफल रहे.

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कांग्रेस ने अपनी पहली लिस्ट में राजस्थान में 9 मुस्लिमों को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं बीजेपी की तरफ से अबतक एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया गया है. वहीं कांग्रेस ने दो पूर्व छात्रसंघ अध्यक्षों को भी मैदान में उतारा है. माना जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट युवाओं को ज्यादा से ज्यादा मौका देना चाहते हैं. इसी कड़ी में दोनों पूर्व छात्रसंघ अध्यक्षों को टिकट दिया गया है.