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अब राहुल की नजर छत्तीसगढ़ चुनाव पर, 17 मई से शुरू करेंगे कैंपेन

राहुल 18 मई को रायपुर में पंचायती राज पर होने वाली कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेंगे. राहुल यहां रोड शो और बाइक रैली करेंगे. इसके अलावा वो दुर्ग और बिलासपुर में बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं से भी बात करेंगे

FP Staff

कर्नाटक के विधानसभा चुनावों की गहमागहमी खत्म हो गई. भारतीय जनता पार्टी को राज्य में बहुमत मिल गया है. अब कांग्रेस जेडीएस के साथ गठबंधन करके भी सत्ता में नहीं लौट सकती. कांग्रेस को भारी निराशा हाथ लगी है. अब कांग्रेस को इस हार का गम लिए दूसरे राज्यों की ओर रुख करना होगा, जो इस साल विधानसभा चुनावों के लिए वोट करने वाले हैं.

राहुल इसी दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं. राहुल गांधी 17 मई से छत्तीसगढ़ के दौरे पर जा रहे हैं. राहुल छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा में जनसभा से अपना चुनावी कैंपेन की शुरूआत करने वाले हैं. पिछले विधानसभा चुनावों में मिली हार से सबक लेते हुए राहुल गांधी छत्तीसगढ़ में चुनावों से छ महीने पहले ही सक्रिय हो गए हैं. छत्तीसगढ़ में मध्य प्रदेश और राजस्थान के साथ ही नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं.


रोड शो, बाइक रैली और बूथ कार्यकर्ताओं से मुलाकात

इस कैंपेन के दौरान राहुल छत्तीसगढ़ में दो दिनों के लिए रहेंगे. इस दौरान, राहुल 18 मई को रायपुर में पंचायती राज पर होने वाली कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेंगे. राहुल यहां रोड शो और बाइक रैली करेंगे. इसके अलावा वो दुर्ग और बिलासपुर में बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं से भी बात करेंगे.

राज्य में होने वाले चुनावों पर राहुल के इस कदम पर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राहुल गांधी का ये विजिट आगामी चुनावों के लिए एजेंडा सेट कर देगा. हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, रायपुर के राजनीतिक विश्लेषक परिवेश मिश्रा का कहना है कि 'कई सालों बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश दिख रहा है. कांग्रेस ने पहले ही अपने बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर दिया है. ये भी नया है क्योंकि कांग्रेस पहले हमेशा चुनाव सिर पर आ जाने के बाद सक्रिय होती थी. इसलिए राहुल गांधी की ये रैली निश्चित रूप से कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम करेगी.'

बीजेपी के अलावा अजीत जोगी की भी चिंता

बता दें कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ में 13 सालों से सत्ता से बाहर है. इसलिए पार्टी की इस बार भारतीय जनता पार्टी और तीन कार्यकालों से राज्य के सीएम रहे रमन सिंह को सत्ता से बाहर करने की कोशिश होगी.

कांग्रेस की कमजोर हालत यहां और कमजोर हुई है. 2016 में पार्टी के सीनियर नेता अजीत जोगी ने पार्टी का साथ छोड़कर अपनी नई पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ बना ली थी. अब कांग्रेस को बीजेपी के अलावा जोगी की चिंता भी करनी होगी. कांग्रेस को डर है कि जोगी एंटी-बीजेपी वोट का बंटवारा कर सकते हैं. वहीं जोगी का मानना है कि कांग्रेस मुकाबले में कहीं है ही नहीं. उनका कहना है कि असली मुकाबला बीजेपी से है.

कांग्रेस ने राज्य में पीएल पुनिया को पार्टी का प्रभारी बनाया है. चंदन यादव उनके सहायक होंगे. कांग्रेस के सामने पार्टी को बिल्कुल जमीनी स्तर पर जिंदा करना और नया नेतृत्व तैयार करने की चुनौती सामने होगी.