view all

राहुल का डॉगी ट्वीट: मजाकिया पोस्ट के पीछे छिपा है कांग्रेस का डरावना सच

मजाकिया लहजे में किए गए इस तंज में राहुल के अहंकार और कांग्रेस पार्टी में उनके एकाधिकार की भी झलक दिखाई दे रही है

Sreemoy Talukdar

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों कुछ ज्यादा ही आक्रामक नजर आ रहे हैं. एक तरफ जनसभाओं में वो जहां बीजेपी और पीएम मोदी पर शब्दों के तीखे बाण चला रहे हैं. वहीं सोशल मीडिया पर भी तंजिया लहजे में हमले बोल रहे हैं.

रविवार को राहुल ने एक मजाकिया ट्वीट के जरिए अपने उन आलोचकों पर निशाना साधा, जो ट्विटर पर बढ़ती उनकी लोकप्रियता पर सवाल उठा रहे थे. राहुल ने इस ट्वीट के जरिए बताया कि उनके लिए कौन ट्वीट करता है, और कौन सोशल मीडिया मैनेज कर रहा है.


राहुल ने इस ट्वीट के साथ एक वीडियो भी पोस्ट किया, जिसमें एक डॉगी तरह-तरह की ट्रिक परफॉर्म कर रहा है. राहुल ने बताया कि ये उनका पालतू कुत्ता पीडी है, जो उनके लिए ट्वीट करता है. जाहिर है राहुल ने डॉगी का सहारा लेकर मजाक-मजाक में अपने विरोधियों पर तंज कसा था. लेकिन मजाकिया लहजे में किए गए इस तंज में राहुल के अहंकार और कांग्रेस पार्टी में उनके एकाधिकार की भी झलक दिखाई दे रही है.

मजाक में दिखती है मानसिकता

14 सेकंड की छोटी सी वीडियो क्लिप में राहुल गांधी अपने पालतू डॉगी पीडी को निर्देश देते नजर आ रहे हैं. मालिक के हुक्म की तामील करते हुए पीडी अपने पिछले पैरों पर खड़ा होकर, और अपने अगले पंजों को जोड़कर नमस्ते करता हुआ दिखाई दे रहा है.

वीडियो में पीडी ने अपने करतबों के जरिए जाहिर किया कि वो कितना आज्ञाकारी है. साथ ही अपने अच्छे प्रशिक्षण और हुनर को भी साबित किया. पीडी ने अपनी नाक पर रखे गए बिस्कुट के एक टुकड़े का ऐसा संतुलन बनाया कि उसे गिरने नहीं दिया. लेकिन जैसे ही राहुल ने अपनी उंगली से इशारा किया, पीडी झट से बिस्कुट के उस टुकड़े को चट कर गया. पीडी के करतब से खुश होकर राहुल उसे गुड ब्वॉय (अच्छा लड़का) कहते हैं. इसके बाद वीडियो खत्म हो जाता है.

राहुल का ये तंज भरा ट्वीट विरोधियों पर उनका जवाबी हमला था. इस ट्वीट के जरिए राहुल ने अपने उन विरोधियों पर निशाना साधा जो सोशल मीडिया पर उनकी बढ़ती सक्रियता और लोकप्रियता से परेशान हो उठे हैं. राहुल के विरोधी लगातार ये आरोप लगा रहे हैं कि राहुल की सोशल मीडिया को कोई और शख्स मैनेज कर रहा है क्योंकि राहुल न ऐसे तंज कर सकते हैं और न ही इतने हाजिरजवाब हैं. जाहिर है कि अपने डॉगी ट्वीट के जरिए राहुल ने ऐसे ही लोगों की मुंह बंद करने की कोशिश की है.

राहुल ने अपने तंजिया ट्वीट से जहां अपने धुर विरोधियों का मजाक उड़ाया है, वहीं कांग्रेस की मानसिकता को भी जाहिर कर दिया है. राहुल के ट्वीट से ऐसा लगता है कि, कांग्रेस में सिर्फ उन्हीं के पास विशेषाधिकार है और पार्टी के बाकी नेताओं के पास उनके प्रति वफादारी साबित करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है. राहुल के ट्वीट से ये भी जाहिर होता है कि कांग्रेस में शक्ति का केंद्र पीढ़ी दर पीढ़ी गांधी परिवार ही रहा है.

राजनीति में कोई भी बात बिना किसी संदर्भ के नहीं कही जाती. ऐसे में ये मानना बेमानी होगा कि, राहुल का ये ट्वीट 'मजाक के अलावा कुछ और नहीं.'

ये बात भी किसी को हजम नहीं होने वाली है कि राहुल ने ये ट्वीट मीडिया में छाए रहने के लिए किया. लिहाजा चुनावी मौसम में किए गए कांग्रेस के प्रेसिडेंट इन वेटिंग के इस ट्वीट के अलग-अलग अर्थ लगाए जा रहे हैं.

पीडी के सहारे क्या संदेश दे रहे हैं राहुल

ऐसा माना जा रहा है कि राहुल गांधी, जो जल्द ही अपनी मां की जगह कांग्रेस अध्यक्ष बनने जा रहे हैं और पारिवारिक विरासत को संभालने के लिए तैयार हैं. उन्होंने अपने पालतू कुत्ते का सहारा लेकर पार्टी के बाकी नेताओं और कार्यकर्ताओं को साफ संदेश दिया है.

राहुल ने ये कहने की कोशिश की है कि पार्टी के सभी नेताओं का उनके प्रति वफादार होना अनिवार्य है. सभी को उनका हुक्म मानना ही होगा. लेकिन राहुल के इस अहंकारी ट्वीट में उनके अनजाने खौफ की भी झलक मिल रही है.

राहुल को ये डर है कि अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी के नेताओं पर नियंत्रण रखने में उन्हें मुश्किलें पेश आ सकती हैं. लिहाजा मनमानी करने वाले नेताओं को राहुल अभी से संदेश देना चाहते हैं कि जिन्हें पार्टी में रहना है उन्हें गांधी परिवार का स्वामीभक्त होना ही होगा.

कांग्रेस में हाईकमान और बाकी नेताओं के बीच बराबरी, सहभागिता और सौहार्द की परंपरा नहीं है. बल्कि उनके बीच तो राजा और प्रजा जैसा रिश्ता नजर आता है. पार्टी की शक्ति का केंद्र 10 जनपथ है, जहां से शक्ति की धारा नीचे की ओर बहती है. 10 जनपथ से जो हुक्म दिया जाता है, पार्टी के बड़े-बड़े नेताओं से लेकर जमीनी स्तर के कार्यकर्ता तक को उस हुक्म को मानना पड़ता है.

हुक्म की तामील होने पर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को शाबाशी के तौर पर 'गुड ब्वॉय' का खिताब मिलता है. या यूं कहें कि कांग्रेस में मालिक की नजर-ए-इनायत और उदारता का हकदार बनने के लिए उसके सामने अपनी पूंछ हिलाने की परंपरा है.

कांग्रेस में कभी-कभी प्रजारूपी कार्यकर्ता और नेता मनमानी पर उतर आते हैं और हाईकमान का हुक्म मानने से इनकार कर देते हैं. ऐसे नेता हाईकमान को सख्त नापसंद हैं. लिहाजा हुक्म उदूली के गुनाह के चलते उन्हें शाही उपेक्षा का शिकार होना पड़ता है. ऐसे ही एक नेता हैं हेमंत बिस्वा सरमा, जिन्हें राहुल के साथ मनमुटाव के चलते पार्टी में दरकिनार कर दिया गया था.

कांग्रेस में जरूरी है हाईकमान के प्रति वफादारी

काफी वक्त तक हाशिए पर रहने के बाद हेमंत ने आखिरकार कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया. जहां आज वो मंत्री बने बैठे हैं. राहुल के डॉगी ट्वीट पर हेमंत के जख्म हरे हो गए हैं, लिहाजा कांग्रेस उपाध्यक्ष के ट्वीट पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी है.

हेमंत के ट्वीट के जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी एक ट्वीट करके अपनी प्रतिक्रिया दी और हेमंत को वफादारी का पाठ पढ़ने की नसीहत दी. कांग्रेस प्रवक्ता की प्रतिक्रिया ने भी इस बात पर मुहर लगा दी कि नेहरू-गांधी परिवार किस तरह से सत्ता और शक्ति का इस्तेमाल करता है और अपने नेताओं से किस स्तर तक स्वामीभक्ति की उम्मीद रखता है. प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट कर कहा,

कांग्रेस प्रवक्ता के बयान से स्पष्ट हो जाता है कि पार्टी नेताओं के प्रति हाईकमान की कृपा कितनी असाधारण और अद्भुत है. जिस तरह से उन्होंने एक कुत्ते का उदाहरण देकर कांग्रेस के पूर्व नेता पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए वफादारी का पाठ पढ़ाया गया, उससे कांग्रेस की नीयत और जहनियत साफ जाहिर हो जाती है.

निश्चित रूप से, कांग्रेस के ऐसे विचार सिर्फ हेमंत सरमा के बारे में नहीं हैं. पार्टी के कई नेता आलाकमान का हुक्म न मानने की सजा भुगत रहे हैं और काफी अरसे से हाशिए में पड़े हैं.

राहुल के डॉगी ट्वीट और कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी की प्रतिक्रिया से कई और बातें भी स्पष्ट हो रही हैं. इससे हमें कांग्रेस के भीतर मचे घमासान की भी झलक मिलती है. साथ ही एक ऐसे नेता की चालबाजियों और पेशबंदी का पता चल रहा है, जो एक दिन प्रधानमंत्री बन सकता है.

राहुल गांधी के ट्वीट और उसके बाद ट्वीट पर आईं प्रतिक्रियाओं से ये बात भी साफ हो रही है कि कांग्रेस जैसी भव्य पुरानी पार्टी अब देश पर कैसे शासन करने की योजना रखती है. भविष्य में सिर्फ जी हुजूरी करने वाले और

स्वामीभक्ति निभाने वाले लोग ही कांग्रेस की माई-बाप सरकार के कर्ताधर्ता होंगे. जो लोग गांधी परिवार के प्रति वफादारी नहीं दिखाएंगे उन्हें पार्टी में दरकिनार कर दिया जाएगा. यानी कांग्रेस में जो हाईकमान को चुनौती देगा उसके हिस्से में सिर्फ और सिर्फ उपेक्षा ही आएगी.

ऐसे में राहुल का मजाकिया ट्वीट एक ऐसा डरावनी भविष्यवाणी लग रही है जो शरीर में सिहरन पैदा कर देता है. इस मौके पर मुझे अंग्रेजी के कवि रॉबर्ट ब्राउनिंग की मशहूर कविता 'माई लास्ट डचेज' याद आ रही है...आपका क्या ख्याल है?