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CBI के रिश्वत लेने के मामले पर राहुल गांधी ने कसा तंज- पीएम मोदी के पसंदीदा हैं अस्थाना

बिजनसमैन सतीश बाबू सना की शिकायत के आधार पर सीबीआई के दूसरे नंबर के शीर्ष अधिकारी राकेश अस्थाना पर दर्ज एफआईआर में इस बात का दावा किया गया है कि उन्होंने सीबीआई स्पेशल डायरेक्टर को पिछले वर्ष लगभग 3 करोड़ रुपए दिए थे

FP Staff

सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ निशाना साधा. राहुल गांधी ने एक ट्वीट में लिखा 'पीएम के पसंदीदा, गुजरात कैडर अधिकारी, गोधरा एसआईटी के चर्चित, सीबीआई में नंबर-2 पद पर घुसपैठ करने वाले, अब रिश्वतखोरी कांड में फंस गए हैं. मौजूदा प्रधानमंत्री की कमान में सीबीआई राजनीतिक दुश्मनी निभाने का हथियार बन गई है. यह संस्था लगातार गिरावट की ओर है जो खुद से खुद की लड़ाई लड़ रही है.'

सीबीआई ने अपने ही स्पेशल डायरेक्टर और जांच एजेंसी में नंबर टू की हैसियत रखने वाले राकेश अस्थाना पर 3 करोड़ की रिश्वत लेने का केस किया है. हालांकि मामला सिर्फ इतना नहीं है. इस केस से इतर इसमें सीबीआई के टॉप बॉस आलोक वर्मा और अस्थाना के बीच लड़ाई का मामला भी है. CBI ने अस्थाना पर दर्ज एफआईआर में मांस कारोबारी मोइन कुरैशी से 3 करोड़ रुपए रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. हैदराबाद के एक बिजनसमैन सतीश बाबू सना की शिकायत के आधार पर सीबीआई के दूसरे नंबर के शीर्ष अधिकारी राकेश अस्थाना पर दर्ज एफआईआर में इस बात का दावा किया गया है कि उन्होंने सीबीआई स्पेशल डायरेक्टर को पिछले वर्ष लगभग 3 करोड़ रुपए दिए थे.

सना का यह बयान सीआरपीसी की धारा 164 के अंतर्गत मैजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराया गया है जो कि कोर्ट में भी मान्य होगा. मोइन कुरैशी से 50 लाख रुपए लेने के मामले में सना भी जांच के घेरे में था. इस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी का नेतृत्व राकेश अस्थाना कर रहे थे. दावा किया गया है कि पिछले वर्ष डीएसपी देवेंद्र कुमार द्वारा की गई पूछताछ में दुबई के एक इन्वेस्टमेंट बैंकर मनोज प्रसाद ने उन्हें सीबीआई से उनके अच्छे संबंधों के बारे में बताया था.

सिर्फ इतना ही नहीं, इस मामले में यह भी बताया गया कि उनका भाई सोमेश उसकी इस केस से बाहर निकलने में मदद करेगा. सना ने कहा कि वह मनोज को लगभग 10 वर्षों से ज्यादा समय से जानता है. सूत्रों के अनुसार, इस मामले में 16 अक्टूबर 2018 को प्राथमिकी दर्ज की गई है. मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के अलावा खुफिया एजेंसी रॉ के भी एक बहुत सीनियर अधिकारी का नाम शामिल है. सूत्रों के अनुसार मामला सामने आने के बाद इस घोटाले से जुड़े जांच टीम से राकेश अस्थाना को हटाने की भी पहल हुई है और इस केस से जुड़े कुछ अधिकारियों से पूछताछ भी की गई है.