view all

बीजेपी जीत का जश्न मनाएगी, जबकि देश लोकतंत्र की हार का गम मनाएगा: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि पूरे देश में डर का माहौल है. हर संस्था में RSS के लोग भरे जा रहे हैं. कर्नाटक में लोकतंत्र कि हत्या की जा रही है

FP Staff

कर्नाटक में सियासी उठापटक और सुप्रीम कोर्ट में देर रात चली सुनवाई के बाद गुरुवार सुबह बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. वहीं इसे लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने इसे 'संविधान का मजाक' बताया है. उन्होंने कहा कि एक तरफ बीजेपी 'खोखली जीत' का जश्न मनाएगी तो वहीं दूसरी तरफ भारत 'लोकतंत्र की हार' का गम मनाएगा.

राहुल ने ट्वीट कर कहा कि कर्नाटक में जरूरी आंकड़ा नहीं होने के बावजूद सरकार के गठन का बीजेपी की जिद संविधान का मजाक बनाना है.


वहीं पार्टी महासचिव अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार में सभी बड़ी संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया गया है और बीजेपी सत्ता हथियाने के लिए 'लोकतंत्र की हत्या' कर रही है.

येदियुरप्पा को कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनाए जाने के खिलाफ गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सहित कांग्रेस विधायकों और नेताओं ने विधानसभा के बाहर महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान सिद्धरमैया ने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. उनके पास 104 विधायक हैं, जो बहुमत से काफी दूर है. येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 112 विधायकों की जरूरत होगी. उन्हें करने दीजिए.'

बता दें कि राज्य में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. ऐसे में प्रदेश की 224 सदस्यीय विधानसभा में 222 सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस+ को 38 सीटें मिली हैं. फिलहाल, बहुमत के लिए जरुरी आंकड़ा 112 का है.

मालूम हो की सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार देर रात हुई सुनवाई में येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. राज्यपाल वजुभाई बाला ने बुधवार को येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्यौता दिया था. इसके बाद रात में ही कांग्रेस ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था. जिस रात में ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी.

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने राज्यपाल पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के दखल से संविधान का 'एनकाउंटर' किया है. जो कि भारत के लोकतंत्र के लिए खतरा है.