हाल ही में विदेश दौरे पर गए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सार्वजनिक मंच से बीजेपी और आरएसएस पर जमकर निशाना साधा और साथ ही कहा कि 1984 में हुए सिख दंगों में कांग्रेस की कोई भूमिका नहीं है. उनके इस बयान से देश में सिख दंगों को लेकर नए सिरे से बहस छिड़ हो गई है. बीजेपी के प्रवक्ता तेजिंदर बग्गा ने इसके जवाब में दिल्ली में कई जगह पोस्टर छपवा कर कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधा है.
जगह-जगह लगे पोस्टर में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को 'फादर ऑफ मॉब लिंचिंग' बताया गया है. साथ ही बग्गा ने खुले तौर पर पोस्टर के नीचे लिखा है कि ये पोस्टर उन्होंने ही छपवाए हैं. इतना ही नहीं बग्गा ने पोस्टर की ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी अपलोड की हैं.
आम आदमी पार्टी (आप) से लेकर बीजेपी की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने इसे लेकर राहुल पर तीखा हमला बोला. केंद्रीय मंत्री और अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने कहा था, 'राहुल गांधी ने लंदन में कहा कि 1984 के सिख दंगों में कांग्रेस का कोई हाथ नहीं था. इसी तरह अगर मैं भी उनके (राहुल गांधी) दिमाग की तरह बोलूं तो उनके पिता (राजीव गांधी) और दादी (इंदिरा गांधी) की हत्या नहीं हुई बल्कि उन दोनों की मौत दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई है.'
वहीं आप नेता एचएस फुल्का ने राहुल के बयान को गलत करार देते हुए इस पर खुली बहस की चुनौती दी थी. फुल्का ने कहा था, 'राहुल गांधी का वो बयान जिसमें उन्होंने सिख विरोधी दंगे के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार नहीं माना है पूरी तरह गलत है. इसलिए मैंने उन्हें खुली चुनौती की बहस दी है जिसमें मैं कांग्रेस और उनके पिता की भूमिका साबित करूंगा. यह पूरा नरसंहार ही राजीव गांधी के निर्देश पर कांग्रेस द्वारा रचा गया था.'
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते राहुल ने कहा था कि 1984 में हुए सिख दंगों में कांग्रेस शामिल नहीं थी. राहुल ने कहा था कि मेरे दिमाग में इसे लेकर कोई कंफ्यूजन नहीं है. ये एक त्रास्दी थी और दुखद अनुभव था. आप अगर कहें कि कांग्रेस इसमें शामिल थी, तो मैं इस बात से सहमत नहीं हूं. अचानक हिंसा हुई और त्रास्दी में बदल गई.