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RSS मानहानि केस: राहुल गांधी पर आरोप साबित हुए तो इतने सालों की होगी सजा

राहुल गांधी पर आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत आरोप तय हुए हैं

FP Staff

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) मानहानि के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर भिवंडी की स्थानीय कोर्ट में आरोप तय हुए. राहुल गांधी ने 7 जुलाई 2014 को भिवंडी की एक रैली में महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस को जिम्मेदार बताया था. इसके खिलाफ आरएसएस की भिवंडी शाखा के सचिव राजेश कुंटे ने केस दर्ज कराया.

मंगलवार को राहुल पर आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत आरोप तय हुए हैं. कोर्ट में राहुल गांधी ने आरोपों को गलत बताया लेकिन कहा कि मैं केस का सामना करूंगा. मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी.


आईपीसी की धारा 499 और 500 मानहानि से जुड़ी है. इसमें दोषी पाए जाने पर जुर्माना या दो साल की कैद या दोनों हो सकते हैं. इस धारा को लेकर पिछले कुछ साल में काफी बहस हुई है. यहां तक कि राहुल गांधी के मामले में ही उनके वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में बहस की थी. तब सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने फैसला दिया था कि बोलने की आजादी किसी के लिए भी पूर्ण अधिकार नहीं है. दीपक मिश्रा और प्रफुल्ल सी पंत की बेंच ने कहा था कि ये धाराएं पूरी तरह वैध हैं.

इस तरह के मामले राहुल गांधी कई नेताओं पर दर्ज हुए हैं. अरविंद केजरीवाल पर भी नितिन गडकरी ने इसी धारा के तहत मानहानि का मामला दर्ज कराया था. बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी पर भी इसी तरह का मामला है.

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले के दौरान निर्देश दिए थे कि इस धारा के तहत समन जारी करते हुए बहुत सावधानी बरती जाए. जो लोग इस धारा को हटाए जाने की मांग करते रहे हैं, उनके अपने तर्क हैं. खासतौर पर यह तर्क कि इस धारा के तहत अगर आप सच भी बोल रहे हैं, तो आपके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. सच अगर ऐसा है, जो सार्वजनिक तौर पर बोला जाना ठीक नहीं है, तो कार्रवाई की जा सकती है.

हालांकि इसका फैसला अदालत करती है कि क्या वो सच जनहित में है या नहीं. इसके अलावा भी तमाम आपत्तियां की जाती रही हैं. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह साफ हो गया कि इन धाराओं के तहत सजा दिए जाने में कुछ गलत नहीं है. अब राहुल गांधी को साबित करना पड़ेगा कि उन्होंने जो कुछ कहा, वो किस संदर्भ में कहा और उसमें कितनी सच्चाई है.