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राहुल ने GDP को अब कहा 'ग्रॉस डिविजन पॉलिटिक्स'

इससे पहले गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने जीएसटी का गब्बर सिंह टैक्स कहकर मजाक उड़ाया था

FP Staff

राहुल गांधी एक बार फिर जुमलों और आंकड़ों से बीजेपी पर हमला करते नजर आ रहे हैं. जीएसटी के बाद जीडीपी को इस बार हथियार बनाया है. उन्होंने जीडीपी को नया नाम दिया है ग्रॉस डिविजन पॉलिटिक्स (GDP) यानी सकल विभाजनकारी राजनीति.

ग्रॉस डोमोस्टिक प्रोडक्ट (GDP) यानी सकल घरेलू उत्पाद दर इस साल पिछले वित्तीय वर्ष से कम रहने जा रही है.


राहुल ने ट्वीट के जरिए तंज कसते हुए कहा है कि जेटली की प्रतिभा के साथ मोदी की सकल विभाजनकारी राजनीति (जीडीपी) देश को कहां ले जा रही है.

राहुल गांधी ने ट्वीट किया 'जेटली और मोदी की जीनियस जोड़ी ने अर्थव्यवस्था को गिराने का काम किया है.' इसमें लिखा गया- वित्त मंत्री अरुण जेटली मोदी के ग्रॉस डिविजन पॉलिटिक्स (GDP) को आगे बढ़ाने में भरपूर योगदान दे रहे हैं. उन्होंने मौजूदा आर्थिक स्थिति से जुड़े कुछ आंकड़ें भी पेश किए हैं.

उन्होंने एक ट्वीट में आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि देश में नया निवेश पिछले 13 वर्षों में सबसे निचले स्तर पर है. साथ ही बैंक के ऋण कारोबार में वृद्धि 63 वर्षों में निम्नतम स्तर पर है.

उन्होंने कहा कि नौकरियों के मौके पिछले आठ सालों में सबसे कम हैं, सकल मूल्य वर्धन के आधार कृषि उत्पादन में वृद्धि की दर 1.7 फीसदी तक कम हुई. उनके मुताबिक राजकोषीय घाटा पिछले आठ सालों में सबसे ज्यादा बढ़ा है और साथ ही परियोजनाएं भी बीच में लटकी हुई हैं.

एक खबर के मुताबिक देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष (2017-18) में 6.5 प्रतिशत के चार साल के निचले स्तर पर रहने का अनुमान है.

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन की वजह से विनिर्माण क्षेत्र पर पड़े असर और कृषि उत्पादन कमजोर रहने से जीडीपी की वृद्धि दर चार साल के सबसे निचले स्तर पर रह सकती है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने राष्ट्रीय लेखा खातों का अग्रिम अनुमान जारी करते हुए यह कहा है.

पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रही थी, जबकि इससे पिछले साल यह 8 प्रतिशत के ऊंचे स्तर पर थी. वर्ष 2014-15 में यह 7.5 प्रतिशत थी.