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राहुल ने मोदी से राफेल पर चुप्पी तोड़ने को कहा

राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रधानमंत्री पर लगातार हमले कर रहे हैं. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों को देखते हुए अब विपक्ष बीजेपी को इसी मुद्दे पर घेर रही है

Bhasha

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लड़ाकू विमान राफेल सौदा मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से चुप्पी तोड़ने की मांग की और कहा कि प्रधानमंत्री इतने भाषण दे रहे हैं लेकिन वह थोड़ा सा समय इन सवालों का जवाब देने के लिए भी निकालें.

गांधी ने मध्यप्रदेश के विंध्य इलाके में दो दिवसीय चुनावी दौरे के दूसरे और अंतिम दिन रीवा जिले के बैंकुण्ठपुर में एक आमसभा को सम्बोधित करते हुए कहा, 'मैं नरेन्द्र मोदी जी को चैलेंज देता हूं. आप भाषण कर रहे हो. इन सवालों का आप जवाब दे दो. आप बताओ कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति जिन्होंने आपके साथ डील (राफेल सौदा) साइन की, वह क्यूं कह रहे हैं कि नरेन्द्र मोदी जी ने अनिल अंबानी जी को कॉन्ट्रेक्ट दिलवाया? 45,000 करोड़ रुपए के कर्ज वाले को क्यों आपने राफेल विमान का कॉन्ट्रेक्ट दिया? 526 करोड़ रुपए का विमान आपने क्यों 1600 करोड़ रुपए में खरीदने का सौदा किया?'


राहुल ने कहा, 'मोदी जी आप बहुत भाषण कर रहे हो. थोड़ा सा समय इन सवालों का जवाब देने के लिये भी निकालो. सफाई दो. जनता को बताओ कि मैं सचमुच में चौकीदार हूं. मैंने चोरी नहीं की है. मगर आप नहीं बता पाओगे. आप इन सवालों के जवाब नहीं दे पाओगे. क्योंकि आपने अपने मित्र अनिल अंबानी को 30,000 करोड़ रुपए दिलवाने का काम किया है और देश इस बात को समझ गया है कि नरेन्द्र मोदी स्टेज से झूठे वादे करते हैं. एक के बाद एक झूठे वादे करते हैं और नरेन्द्र मोदी जी की नियत साफ नहीं है.'

अनिल अंबानी ने राहुल को लिखी थी चिट्ठी:

उद्योगपति अनिल अंबानी ने पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को राफेल सौदे पर पत्र लिखकर इन आरोपों को खारिज किया है कि उनके रिलायंस समूह के पास अनुभव की कमी है. अंबानी ने यह भी कहा था कि फ्रांसीसी कंपनी दसाल्ट द्वारा उनकी कंपनी को भागीदार के रूप में चुनने में सरकार की कोई भूमिका नहीं है. अंबानी ने यह पत्र 12 दिसंबर 2017 को लिखा था.

इसमें अंबानी ने राहुल को यह स्पष्ट किया था कि उनके रिलायंस समूह को अरबों डॉलर का यह सौदा क्यों मिला है. पत्र में अंबानी ने बताया कि रिलायंस डिफेंस के पास गुजरात के पीपावाव में निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा शिपयार्ड है. फिलहाल इसमें भारतीय नौसेना के लिए पांच नेवल ऑफशोर पेट्रोल वेसल्स (एनओपीवी) का विनिर्माण चल रहा है. इसके अलावा भारतीय तटरक्षकों के लिए 14 फास्ट पेट्रोल जहाज बनाए जा रहे हैं.