राफेल सौदे पर फ्रेंस कंपनी दसॉ एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर की सफाई पर कांग्रेस ने पलटवार किया है.
पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, 'पहले से तय इंटरव्यू और झूठ बोलकर राफेल सौदे की सच्चाई को दबाई नहीं जा सकती. कानून का पहला नियम- लाभार्थियों और सह-आरोपियों के बयान का कोई मतलब नहीं. दूसरा नियम- लाभ उठाने वाले और आरोपी अपने मामले में खुद जज नहीं हो सकते. सच्चाई बाहर आने का रास्ता बना लेती है.'
दरअसल दसॉ के सीईओ ने न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में राफेल सौदे को लेकर अपनी बात रखी है. इसमें कंपनी के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सौदे में लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज किया और कहा कि वो झूठ नहीं बोलते.
उन्होंने कहा कि यह सौदे के तहत भारत को 38 राफेल विमान 18 विमानों की कीमत में दी जा रही थी. ट्रैपियर ने कहा कि इनके दाम दोगुने होने चाहिए थे. मगर यह दोनों देशों (भारत-फ्रांस) की सरकारों के बीच हुआ सौदा है. इसलिए कीमतों में मोलभाव की गई. मुझे विमानों के दाम 9 प्रतिशत कम करने पड़े.
साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि दसॉ ने अनिल अंबानी की कंपनी को खुद ही संयुक्त उपक्रम (जॉइंट वेंचर) के लिए चुना. उन्होने कहा कि रिलायंस के अलावा पहले से हमारे 30 अन्य पार्टनर हैं. भारतीय वायुसेना इस सौदे का समर्थन कर रही है क्योंकि उन्हें अपने डिफेंस सिस्टम को टॉप पर रखने के लिए आधुनिक और बेहतर लड़ाकू विमान चाहिए.