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राफेल मुद्दे पर CAG से मिली कांग्रेस, सौदे की विस्तृत जांच की उठाई मांग

मुलाकात के बाद आनंद शर्मा ने कहा, 'हमने सीएजी को राफेल सौदे से जुड़े जरूरी दस्तावेजों के साथ विस्तृत ज्ञापन सौंपा है. उम्मीद है कि इसकी विस्तार से जांच कराई जाएगी'

FP Staff

राफेल मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला तेज कर दिया है. कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने इस मामले को लेकर बुधवार को सीएजी (कैग) से मुलाकात की है.

कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल, आनंद शर्मा, रणदीप सुरजेवाला समेत पार्टी के अन्य नेता शामिल थे. मीटिंग के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, 'हमने सीएजी को राफेल सौदे में हुई अनियमितताओं से जुड़े जरूरी दस्तावेजों के साथ विस्तृत ज्ञापन सौंपा है. उम्मीद है कि इसकी विस्तार से जांच कराई जाएगी.'


इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि चाहे कोई कैग और सीवीसी के पास जाए या नहीं लेकिन उनका संवैधानिक कर्तव्य पूरे सौदे और उसके सभी दस्तावेजों की जांच करना है.

मंगलवार को ही पूर्व रक्षा मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने यूपीए से कम कीमत पर राफेल विमान खरीदने के सरकार के दावों को खारिज करते हुए कहा कि अगर यह सच है तो सरकार कीमतों का खुलासा क्यों नहीं कर रही. सौदे की जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) से जांच की मांग दोहराते हुए एंटनी ने कहा कि अगर यह सौदा सस्ते में हुआ है तो सरकार ने 126 की जगह केवल 36 विमान ही क्यों खरीदे हैं?

हालांकि, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस की इस मांग को खारिज करते हुए कहा कि इस सौदे से जुड़ी सभी जानकारियां संसद में पहले ही पेश की जा चुकी हैं.

एयर चीफ मार्शल राफेल विमानों को बता चुके हैं देश के लिए जरूरत

बता दें कि वायुसेना प्रमुख बिरेंदर सिंह धनोआ ने पिछले हफ्ते एक कार्यक्रम में राफेल लड़ाकू विमानों को देश के लिए जरूरत बताया था. उन्होंने राफेल डील को बेहतरीन करार दिया था. उन्होंने कहा था कि सरकार ने राफेल लड़ाकू विमानों और रूस के एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम एस-400 उपलब्ध कराकर वायुसेना की शक्ति में इजाफा किया है.

राफेल डील को लेकर कांग्रेस के क्या हैं आरोप?

कांग्रेस का दावा है कि यूपीए सरकार ने फ्रांस के साथ जिस राफेल लड़ाकू विमान की डील की थी, उसे मोदी सरकार 3 गुना कीमत में खरीद रही है. कांग्रेस का आरोप है कि नई डील में किसी भी तरह की तकनीक ट्रांसफर की बात नहीं हुई है.

राहुल गांधी लगातार अपने भाषणों और संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर राफेल मामले में देश से झूठ बोलने और सौदे में भारी भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाते रहे हैं.