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मर्डर करने की सलाह देने वाले वीसी का RSS से है कनेक्शन, यूपी के डिप्टी सीएम से भी बॉन्डिंग

23 मार्च, 2017 को फेसबुक पर शेयर किए गए एक पोस्ट में यादव कहते हैं कि वह 1990 से आरएसएस के प्रचारक हैं, वह यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के साथ घनिष्ठ संबंध रखते हैं

FP Staff

पूर्वांचल विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर राजाराम यादव, जिन्होंने शुक्रवार को छात्रों को झगड़े और यहां तक कि हत्याएं करने का आह्वान करते हुए एक बड़े विवाद को जन्म दिया था, एक आरएसएस प्रचारक हैं और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ घनिष्ठ संबंध हैं. न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार 23 मार्च, 2017 को फेसबुक पर शेयर किए गए एक पोस्ट में यादव कहते हैं कि वह 1990 से आरएसएस के प्रचारक हैं. वह यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के साथ घनिष्ठ संबंध रखते हैं जिन्होंने पहले विश्व हिंदू परिषद के साथ एक संगठन मंत्री के रूप में कार्य किया है.

अशोक सिंघल के निधन के बाद राजाराम यादव को गहरा सदमा लगा था


राजाराम यादव के फेसबुक पोस्ट में लिखा है- अपने केशवजी के डिप्टी चीफ मिनिस्टर बनने पर मैं बेहद खुश हूं. मुझे बहुत आनंद हो रहा है. क्यों न हो भाई 1990 से मैं आरएसएस का प्रचारक वो वीएचपी के संगठन मंत्री, दोनों ने कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है. मैं बहुत खुश हूं कि केशव जी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है. 1991 से मैं आरएसएस का प्रचारक हूं और वह विश्व हिंदू परिषद का हिस्सा. हम दोनों ने साथ में मिलकर काम किया है. यादव कहते हैं कि वीएचपी के पूर्व प्रमुख अशोक सिंघल के निधन के बाद उन्हें गहरा सदमा लगा था और मौर्य ने उन्हें सांत्वना दी थी.

केशवजी ने बड़े भाई की तरह राजाराम यादव को संभाला 

राजाराम यादव ने कहा- मुझे गहरा सदमा लगा, केशवजी ही थे जिन्होंने मुझे छोटे भाई के नाते पकड़कर गले से लगाया और मुझे ऐसा महसूस हुआ कि जैसे वो कह रहे हैं कि भाई साहब नहीं है लेकिन भाई साहब आपके लिए मुझे बता गए हैं. उन्होंने आगे कहा- पूर्व प्रमुख अशोक सिंघल के निधन के बाद उन्हें गहरा सदमा लगा था लेकिन केशवजी ने बड़े भाई की तरह उन्हें संभाला और कहा कि एक भाई नहीं है तो क्या हुआ दूसरा है. पिछले साल 12 मार्च को एक अन्य फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि वह मौर्य को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त करने की इच्छा रखते हैं.

यादव का इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के भौतिकी विभाग में काफी नाम है 

इसके बाद 23 मार्च को, उन्होंने योगी आदित्यनाथ के पक्ष में एक संदेश दिया, जिसमें कहा गया था कि यूपी के मुख्यमंत्री को पूज्य सन्यासी (उपदेशक) और महंत (मुख्य पुजारी) ने आशीर्वाद दिया है. अपने पोस्ट के आखिर में उन्होंने लिखा था- आज मैं पूज्य योगी आदित्यनाथ जी के मुख्यमंत्री बनने पर बेहद खुश हूं. वो ऐसे मुख्यमंत्री हैं कि उनके मैं चरण स्पर्श कर सकूंगा क्योंकि वह सन्यासी और महंत हैं. महंत जी की जय हो. 1957 में उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में जन्मे राजाराम यादव का इलाहाबाद विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग में एक जाना माना नाम है क्योंकि 2017 में यूपी के राज्यपाल राम नाईक द्वारा सत्ता में आने के एक महीने के भीतर ही उन्हें वीसी बनाने से पहले यह उनका कार्यक्षेत्र था.

यादव के बयान की लोग जमकर आलोचना कर रहे हैं

वाइस चांसलर राजाराम यादव का जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए कहा है कि अगर वे पूर्वांचल विश्वविद्यालय के छात्र हैं तो लड़ाई झगड़े में पिटकर नहीं, बल्कि पीटकर आएं और अगर बस चले तो मर्डर तक कर दें. वाइस चांसलर यादव ने कहा, अगर आप पूर्वांचल विश्वविद्यालय के छात्र हो तो रोते हुए कभी मेरे पास मत आना एक बात बता देता हूं. अगर किसी से झगड़ा हो जाए तो उसकी पिटाई करके आना और तुम्हारा बस चले तो उसका मर्डर करके आना, जिसके बाद हम देख लेंगे. यादव के इस बयान की लोग जमकर आलोचना कर रहे हैं.

वाइस चांसलर को छात्रों को उकसाने के लिए गिरफ्तार करना चाहिए

राजाराम यादव पर हिंसा के लिए उकसाने के लिए नारेबाजी करने का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी ने कहा, वाइस चांसलर को आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने के लिए छात्रों को उकसाने और भड़काने के लिए गिरफ्तार किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा- वह वाइस चांसलर की तरह नहीं बल्कि एक आपराधिक गिरोह के सरगना के रूप में व्यवहार कर रहे हैं. हम ऐसे आपराधिक सोच वाले लोगों से अकादमिक उत्कृष्टता की उम्मीद नहीं कर सकते हैं. उन्हें इस तरह के बयान देने के लिए बर्खास्त किया जाना चाहिए.

अगर कोई वीसी स्तर का व्यक्ति ऐसी बातें कहेगा, तो छात्र क्या करेंगे?

कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने भी यादव को उनके पद से तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है. इस पर उन्होंने कहा- अगर कोई वीसी स्तर का व्यक्ति ऐसी बातें कहेगा, तो छात्र क्या करेंगे? मुझे लगता है कि उन्हें तुरंत बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए. पहले से ही राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति सर्वकालिक निम्न स्तर पर है. उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. वहीं इस मामले पर बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, वायरल वीडियो को निश्चित रूप से उचित नहीं ठहराया जा सकता है, लेकिन केवल यादव ही इस बात पर स्पष्टीकरण दे सकते हैं कि बयान क्यों और किस संदर्भ में दिया गया था.

साभार न्यूज 18