पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड के राज्यपाल रह चुके सुरजीत सिंह बरनाला का शनिवार को निधन हो गया. वह 91 वर्ष के थे.
साल 1985-1987 के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके बरनाला का स्वास्थ्य बिगड़ने पर हाल ही में चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च (पीजीआईएमईआर) में भर्ती कराया गया था, जहां शनिवार को उन्होंने अंतिम सांस ली.
साल 2001 और 2011 के बीच बरनाला तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड के राज्यपाल रहे.
सुरजीत सिंह बरनाला का जन्म हरियाणा के अटेली में हुआ था. सुरजीत सिंह बरनाला के पिता मजिस्ट्रेड थे. बरनाला ने लखनऊ .यूनिवर्सिटी से 1946 में कानून की पढ़ाई की थी.
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उन्होंने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भी हिस्सा लिया था.
आजादी के बाद काफी वक्त तक उन्होंने कानून की प्रैक्टिस की, लेकिन साठ के दशक में वो राजनीति में सक्रिय हो गए.
1952 के अपने पहले चुनाव में वो सिर्फ 4 वोटों से हार गए थे.
पार्टियों और नेताओं ने जताया शोक
सुरजीत सिंह बरनाला अकाली दल (लोंगोवाल गुट) के सदस्य थे. शिरोमणि अकाली दल ने ट्वीट करके बरनाला के निधन पर शोक जताया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट करके बरनाला के निधन पर शोक जताया है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट करके बरनाला के निधन पर शोक व्यक्त किया है.
शिरोमणि अकाली दल के नेता और पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बदल ने ट्वीट करके बरनाला के निधन पर दुःख जताया है.