पंजाब में किसानों की हालत बद से बदतर होती जा रही है. हालांकि पंजाब सरकार ने 2 लाख रुपए तक के कर्ज माफी का ऐलान किसानों के लिए किया है, लेकिन इसके बावजूद पिछले 4 महीने में रोजाना औसतन एक किसान अपनी जान दे रहा है. पिछले 120 दिनों में करीब 129 किसान पंजाब में आत्महत्या कर चुके हैं.
पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार को बने 4 महीने हो चुके हैं, लेकिन इस 4 महीने के वक्त को किसानों की खुदकुशी से जोड़कर भी देखा जा सकता है क्योंकि इन 4 महीनों के अंदर पंजाब के करीब 129 किसानों ने खुदकुशी की. ये ज्यादातर किसान वो थे जो कर्ज के बोझ तले दबे हुए थे. इस वजह से पंजाब की कांग्रेस सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं. वो कांग्रेस सरकार सत्ता में किसानों का पूरा कर्ज माफ करने का वादा करके आई थी.
हालांकि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का कहना है कि सरकार किसानों के लिए जो कर सकती है वो लगातार करने की कोशिश कर रही है, और सरकार के पास भी किसानों की मदद करने के लिए सीमित संसाधन हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि किसानों को फौरी राहत देने के लिए 2 लाख रुपए तक के कर्ज में डूबे किसानों की मदद सरकार ने की है. इसके अलावा बजट में करीब 15 सौ करोड़ रुपए का प्रावधान किसानों की कर्ज माफी के लिए रखा गया है.
लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों के बढ़ते खुदकुशी के मामलों का ठीकरा प्राइवेट बैंकों के सिर पर फोड़ दिया और कहा कि प्राइवेट बैंक बिना सोचे-समझे किसानों को काफी मोटी रकम कर्जे पर दे देते हैं और बाद में जब किसान ये रकम वापस नहीं कर पाते तो बैंकों के दबाव की वजह से किसान आत्महत्या कर लेते हैं.
किसान संगठनों के निशाने पर पंजाब सरकार
किसानों के बढ़ते खुदकुशी के मामले पर पंजाब सरकार किसान संगठनों के निशाने पर भी आ चुकी है. हाल ही में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 5 एकड़ तक के किसानों का दो लाख रुपए तक कर्ज माफ करने का जो ऐलान किया है उसे ठीक से लागू ना करवा पाने को लेकर किसान संगठनों ने सरकार पर हमला बोला है. मंगलवार को किसान संगठनों ने चंडीगढ़ में एक मीटिंग की और सरकार पर किसानों से धोखा करने और कर्ज माफी के ऐलान को अधूरा बताते हुए आने वाले दिनों में आंदोलन और संघर्ष करने का ऐलान कर दिया.
विपक्षी पार्टियों ने भी पंजाब सरकार की किसानों के लिए बनाई गई नीति को आड़े हाथों लिया और सरकार के किसानों के 2 लाख रुपए तक के कर्ज माफ करने के ऐलान को किसानों के साथ धोखा करार दिया. अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने कहा कि किसानों पर करीब एक लाख करोड़ रुपए तक का कर्ज है जबकि बजट में कैप्टन सरकार ने सिर्फ 15 सौ करोड़ रुपए ही किसानों की कर्ज माफी के लिए रखे हैं जोकि किसानों के लिए किसी धोखे से कम नहीं है. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चुनाव के दौरान पंजाब के किसानों से जो झूठा वायदा कर्ज माफी का किया था उसी वजह से किसानों ने बैंकों की रकम लौटानी बंद कर दी और कई किसान डिफॉल्टर बन गए और इसी वजह से अब ये किसान अपनी जान दे रहे हैं.
आप ने भी किसान खुदकुशी मुद्दे पर पंजाब सरकार को घेरा
वहीं आम आदमी पार्टी ने भी 4 महीने में 129 किसानों की खुदकुशी के मामलों को लेकर पंजाब सरकार को घेरने की कोशिश की. आम आदमी पार्टी के पंजाब के वरिष्ठ नेता सुखपाल खैहरा ने कहा कि झूठे सपने दिखाकर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों को कर्ज माफी का वायदा किया और सत्ता में आने के बाद वो अपने इस वायदे को भूल चुके हैं और इसी वजह से कर्ज में डूबे किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं. लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनकी सरकार को इसकी कोई भी सुध नहीं है.
पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार बनने के साथ ही रोजाना औसतन एक किसान ने अपनी जान दी है. ऐसे में वो कांग्रेस पार्टी जो सत्ता में आने से पहले चुनाव के दौरान किसानों को पूर्ण कर्ज माफी का वादा करके पंजाब की सत्ता पर काबिज होने में कामयाब हुई है उस पर सवाल उठना लाज़िमी है.
(न्यूज़18 से साभार)