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Puducherry: CM ने चिट्ठी में नहीं कहा था कि जवाब नहीं मिला तो वो धरने पर बैठ जाएंगे- किरण बेदी

किरण बेदी ने कहा, CM ने मुझे 7 फरवरी को चिट्ठी लिखी थी. इस चिट्ठी में 36 मामलों का जिक्र किया गया था. इनमें से कई मामले ऐसे थे जो या तो असल में थे ही नहीं या सुलझा लिए गए थे.

FP Staff

पुडुचेरी (Puducherry)  के मुख्यमंत्री वी नारायणस्वामी उपराज्यपाल किरण बेदी (Kiran Bedi) के खिलाफ विरोध जताने के लिए धरने पर बैठ हैं. मुख्यमंत्री का आरोप है कि कई मामलों पर उनकी स्वीकृति के लिए भेजी गईं फाइलों को उपराज्यपाल ने खारिज कर दिया है.  हालांकि अब इस  मामले पर किरण बेदी का कुछ और ही कहना है. उन्होंने कहा, उन्होंने (सीएम) मुझे 7 फरवरी को चिट्ठी लिखी थी. इस चिट्ठी में 36 मामलों का जिक्र किया गया था. इनमें से कई मामले ऐसे थे जो या तो असल में थे ही नहीं या सुलझा लिए गए थे.

किरण बेदी ने कहा, 'मुझे वो चिट्ठी 8 फरवरी को मिली. कल वो धरने पर बैठ गए, ये कहते हुए कु उन्हें जवाब चाहिए. लेकिन चिट्ठी में ऐसा कुछ नहीं लिखा था कि अगर 13 फरवरी तक जवाब नहीं मिला को मैं धरने पर बैठ जाऊंगा.'


उन्होंने आगे कहा, मैंने उन्हें चिट्ठी लिखकर कहा था कि आप 21 फरवरी को सुबह 10 बजे मुझसे मुलाकात कर सकते हैं क्योंकि आज से मैं टूर पर जा रही हूं और 20 तारीख को वापस लौटूंगी. अब इससे बेहतर क्या हो सकता है. वो अभी भी वहां बैठे हैं. वो लोगों को हेलमेट भी नहीं पहनने दे रहे.'

क्या मुख्यमंत्री की मांग?

मुख्यमंत्री की मांग है कि मुफ्त चावल बांटने की योजना सहित 39 सरकारी प्रस्तावों को उपराज्यपाल मंजूरी दें.  मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबों और जरूरतमंदों के उत्थान के लिए सरकारी प्रस्तावों को लगातार खारिज किया जा रहा है में इसका कड़ा विरोध करता हूं.

नारायणसामी ने कहा कि जागरुकता फैलाए बगैर किरण बेदी ने अपने हाल के फैसले में लोगों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया है, जो 'साफ तौर पर उनकी मनमानी और लोगों को प्रताड़ित करने का मामला प्रतीत होता है.' राज्य सरकार ने इस संबंध में पहले लोगों में जागरुकता फैलाने का प्रस्ताव दिया था. उन्होंने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए पिछले कुछ सप्ताह में उन्हें 39 सरकारी प्रस्ताव भेजे गए, लेकिन उन्होंने इन प्रस्तावों पर मंजूरी नहीं दी.

इससे पहले किरण बेदी ने नारायण स्वामी को लिखी एक चिट्ठी ट्विटर पर शेयर भी की थी. इस चिट्ठी में लिखा था, आपको धरने पर बैठने के बजाय मिलना चाहिए था. आप एक पत्र लिखते और राजनिवास की नाकाबंदी से पहले मेरे जवाब का इंतजार करते. इस नाकेबंदी के कारण आम जनता को भारी असुविधा हो रही है.