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पीएम मोदी ने पहले भी रोका है अजान के समय भाषण, जानिए कब

यह कोई पहली बार नहीं है जब मोदी ने अजान के वक्त अपना भाषण रोका है, इससे पहले ऐसा वह दो बार कर चुके हैं

FP Staff

त्रिपुरा में बीजेपी की जीत कई मायनों में अहम है. सत्ता की लड़ाई भले ही बीजेपी कांग्रेस से लड़ रही हो, लेकिन उसका मातृ संगठन आरएसएस की हमेशा से विचारधारा की लड़ाई वामपंथियों के साथ रही है. जीत के इस मौके पर बीजेपी के नए मुख्यालय में जश्न की तैयारी थी. मंच पर जोश से भरे पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सहित अन्य नेता थे.

अमित शाह ने कार्यकर्ताओं, मतदाताओं को बीजेपी की ओर से धन्यवाद दिया. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की जमकर सराहना की और फिर पीएम मोदी को कार्यकर्ताओं को संबोधित करने का न्योता दिया.


पीए मोदी ने बोलना शुरू ही किया था. कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया था. नॉर्थ ईस्ट की जनता को धन्यवाद दिया. तभी अजान की आवाज सुनाई दी. मोदी ने इसका सम्मान किया और चुप हो गए. वह मंच पर खड़े रहे, लेकिन संबोधन रोक दिया.

बीजेपी कार्यकर्ताओं ने भी जयकारा लगाना कर दिया था बंद 

फिर क्या था, अपने नेता को देख, कार्यकर्ताओं ने भी धार्मिक सहिष्णुता का परिचय दिया और नारेबाजी बंद कर दी. जयकारा लगाना बंद कर दिया. जैसे ही अजान समाप्त हुआ, पीएम ने फिर संबोधन शुरू कर दिया.

यह कोई पहली बार नहीं है जब मोदी ने अजान के वक्त अपना भाषण रोका है. इससे पहले ऐसा वह दो बार कर चुके हैं. सबसे पहली बार ऐसा उन्होंने साल 2016 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान किया था. जगह खड़गपुर का डीएमआर ग्राउंड था. यहां वह बीजेपी के प्रत्याशी दिलीप घोष सहित अन्य प्रत्याथियों के लिए प्रचार के लिए आए थे. भाषण दे रहे थे, उसी वक्त अजान की आवाज आई और वह रुक गए. यहां दिलीप घोष चुनाव में विजयी हुए थे.

इसके बाद बीते गुजरात चुनाव के वक्त नवसारी विधानसभा में भी उन्होंने नमाज का सम्मान किया था. चुनाव प्रचार को आए पीएम मोदी ने अजान की आवाज सुनते ही अपना भाषण रोक दिया था.

कांग्रेस पार्टी पर फिर साधा जमकर निशाना 

शनिवार को भी जब उन्होंने अजान के वक्त भाषण रोक दिया, तो सोशल मीडिया में लोगों ने उनकी सराहना की. इस दौरान पीएम ने एक और रोचक बात कही. उन्होंने कहा कि 'हिंदुस्तान के राजनीतिक विश्लेषकों को इस बात को समझना होगा. शून्य से शिखर तक की यात्रा हमने तय की है. सूरज जब ढलता है तो लाल रंग का होता है और जब उदय होता है तो केसरिया रंग लेकर उभरता है.'

कांग्रेस पार्टी को यहां भी नहीं बख्शा. उन्होंने कहा 'देश में ऐसे भी दल हैं जहां लोग पद में तो ऊपर चढ़ते जाते हैं लेकिन कद में छोटे होते जाते हैं, कांग्रेस का कद कभी इतना छोटा नहीं था जितना आज है.'

इससे पहले अमित शाह ने कहा था 'लेफ्ट भारत के किसी हिस्से के लिए राइट नहीं है.'