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मोदी सरकार की प्राथमिकता में गरीब-किसान नहीं, उद्योगपति हैं: येचुरी

येचुरी ने कहा कि सरकार की प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं, इसमें गरीब किसानों के लिए राहत की कोई उम्मीद नहीं लेकिन उद्योगपतियों के लाखों कर्ज माफ कर दिए गए हैं

Bhasha

सीपीएम ने मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल को लूट और झूठ की सरकार करार देते हुए कहा है कि केंद्र सरकार हर मोर्चे पर नाकाम रही है.

सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने शुक्रवार को मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल की विफलताओं के ब्योरे पर आधारित पुस्तिका जारी करते हुए कहा ‘सरकार की प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं. इसमें गरीब किसानों के लिए राहत की कोई उम्मीद नहीं लेकिन उद्योगपतियों के लाखों कर्ज माफ कर दिए गए हैं.’


उन्होंने कहा कि पार्टी ने रोजगार, कृषि, भ्रष्टाचार और विकास सहित अन्य मामलों में मोदी सरकार के चुनावपूर्व किए गए वादों की हकीकत को तथ्यों के साथ पुस्तिका में उजागर किया है. उन्होंने कहा कि सभी वादे चार साल में जुमले साबित हुए, इसलिए सरकार के रिपोर्ट कार्ड को ‘लूट सरकार, झूठ सरकार’ नाम दिया गया है.

येचुरी ने कहा कि दो करोड़ नौकरियां हर साल देने का मोदी सरकार का वादा सबसे बड़ा जुमला साबित हुआ. उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि चार सालों में हर साल सिर्फ 19 लाख रोजगार सृजित हुए. यह आंकड़ा किए गए वादे से दस गुना कम है.

येचुरी ने कहा ‘नई नौकरियां भूल जाएं, इस सरकार ने लोगों की नौकरियां छीन लीं.’ उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के चार साल देश के लिए बेहद कष्टप्रद साबित हुए.

इसका सबूत उद्योगपतियों की कर्ज माफी और बैंकों का कर्ज लेकर 36 करोड़पति उद्योगपतियों का फरार होना है. दूसरी तरफ किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हुए हैं. उन्होंने कहा कि बीते चार सालों में जुमले ही मोदी सरकार की पहचान बन सके.