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लोकसभा चुनाव या 'धर्मयुद्ध': अब कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कमलनाथ को बताया हनुमान भक्त

इन बयानों, पोस्टरों और मंदिर भ्रमणों से तो ये साफ हो गया है कि कांग्रेस भी अब बीजेपी को उसी के मैदान में आ कर मात देने की कोशिश कर रही है

FP Staff


लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं बचा है. ऐसे में बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों ही दल हिंदुत्व का अपना कार्ड खुल कर खेल रहे हैं. इसकी शुरुआत तो गुजरात चुनाव से ही हो गई थी. लेकिन हाल ही में पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में यह बात और खुले रूप में सामने आई थी. तब बीजेपी ने रामपथ गमन मार्ग की बात छेड़ी और कांग्रेस ने राहुल गांधी को शिवभक्त बना कर पेश किया.

अब यह रीत आगामी लोकसभा चुनाव में भी दोहराई जा रही है. एक ओर जहां बीजेपी और उसको समर्थन करने वाला संघ बार-बार राम मंदिर का मसला छेड़ रहे हैं, तो वहीं कांग्रेसी अपने नेताओं की तुलना अन्य देवी-देवताओं से कर रहे हैं. इस कड़ी में प्रियंका गांधी को दुर्गा, राहुल गांधी को राम और अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को हनुमान और गो भक्त बताया जा रहा है.

हनुमान और गो भक्त कमलनाथ

दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भोपाल दौरे के पहले शहर की सड़कों पर पोस्टर लगे हैं. जिनमें राहुल गांधी और कमलनाथ को हनुमान और गो भक्त बताया गया है. यहां यह बता दें कि नेहरू की धर्मनिरपेक्षता की राजनीतिक विरासत रखने वाली  कांग्रेस पार्टी ने गो शाला आदि बनाने का वादा किया था. इसी दरमियान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हनुमान को दलित भी बताया था.

तो अब जब कमलनाथ के कार्यकर्ता उन्हें हनुमान भक्त बता ही रहे हैं तो इस बात के भी कयास लगाए जा सकते हैं कि 'दलित हनुमान' को कांग्रेस हाईजैक कर रही हो. और इसका फायदा लोकसभा चुनाव में उठाना चाहती हो. अब राम भक्त हनुमान से ज्यादा राम को और कौन प्यार कर सकता है. इन कार्यकर्ताओं द्वारा देश की अलग-अलग जगहों पर भगवान से अपने नेता की तुलना करना महज आम बात नहीं हो सकती. दरअसल कार्यकर्ता वही विचार रखता है जो ऊपर से प्रवाहित होते हुए उस तक पहुंचते हैं.

चुनाव आपके द्वार पर है

इन बयानों, पोस्टरों और मंदिर भ्रमणों से तो ये साफ हो गया है कि कांग्रेस भी अब बीजेपी को उसी के मैदान में आ कर मात देने की कोशिश कर रही है. तो अगर चुनाव के पास आते ही आपको आपके घर के आस-पास किसी नेता का भगवान रूपी पोस्टर नजर आए तो चौंकिएगा मत. बस समझ जाइएगा कि लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व आपके द्वार आ गया है.