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25 साल की उम्र में मंत्री बन गई थीं सुषमा स्वराज, लंबे राजनीतिक करियर का बेहतरीन सफर

बीजेपी की आदर्श भारतीय नारी की छवि रखने वाली सुषमा के नाम युवा मंत्री से लेकर युवा अध्यक्ष बनने तक के रिकॉर्ड

FP Staff

ट्विटर पर लोगों की मदद के लिए मशहूर मौजूदा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के राजनीतिक करियर की शुरुआत तो आपातकाल के दौरान ही हो गई थी. लेकिन राजनीति में उनकी एंट्री 1977 में तब हुई जब वह हरियाणा से विधायक चुनी गईं. 1977-1979 में ही वह राज्य में चौधरी देवी लाल की सरकार में श्रम मंत्री बनाई गईं. सुषमा महज 25 साल की उम्र में मंत्री बन गईं थी. यह उस समय सबसे कम उम्र में मंत्री होने का रिकॉर्ड था. उनके नाम सबसे कम उम्र में जनता पार्टी हरियाणा की अध्यक्ष बनने का रिकॉर्ड भी है.

साल 1990 में वह पहली बार सांसद बनीं. गौरतलब है कि वह 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी की 13 दिनों की सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री थीं. इसके बाद केंद्रीय राजनीति से उनकी वापसी फिर से एक बार राज्य में हुई. साल 1998 में उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई और वह दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं. हालांकि यह सरकार ज्यादा दिनों तक न चल सकी.


सुषमा स्वराज के राजनीतिक करियर में आए कई मोड़

उनके राजनीतिक करियर ने साल 1999 में फिर से टर्न लिया और उन्हें सोनिया गांधी के खिलाफ बेल्लारी से चुनावी रण में उतारा गया. दरअसल बीजेपी का यह कदम विदेशी बहू सोनिया गांधी के जवाब में भारतीय बेटी को उतारने की नीति का हिस्सा था. हालांकि सुषमा यह चुनाव हार गईं. जिसके बाद साल 2000 में वह राज्य सभा सांसद चुनी गईं और अटल बिहारी सरकार में फिर से सूचना प्रसारण मंत्री बनीं.

इस दरमियान न सिर्फ बीजेपी बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी उनका कद काफी बढ़ गया था. यही कारण था कि साल 2009 में उन्हें बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री उम्मीदवार माना जा रहा था. हालांकि जब इन चुनावों में कांग्रेस फिर से सत्ता में आई तब स्वराज विपक्ष की नेता के तौर पर चुनी गईं. इस पद पर वह साल 2014 तक बनी रहीं. 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में जीत हासिल करने के बाद मोदी सरकार में उन्हें विदेश मंत्री बनाया गया.