केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने एकबार फिर 15 लाख रुपए का मुद्दा छेड़ दिया है. हां! वे उन्हीं 15 लाख रुपए की बात कर रहे हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान देने का वादा किया था. हालांकि बाद में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने साफ कर दिया कि वो सिर्फ जुमला था. अब अठावले कह रहे हैं कि देश के हर शख्स के खाते में 15 लाख रुपए आएंगे. वो अलग बात है कि ये पैसे एकसाथ नहीं बल्कि धीरे-धीरे आएंगे.
इस पर केंद्र का पक्ष साफ करते हुए अठावले ने कहा कि आरबीआई सरकार को पैसे नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि कुछ तकनीकी वजहों से सरकार पैसे नहीं जुटा पा रही है.
अठावले RBI को क्यों बीच में लेकर आए
कुछ दिनों पहले ही सरकार और RBI के बीच इसी फंड को लेकर विवाद शुरू हुआ था. केंद्र सरकार चाहती थी कि RBI अपने सरप्लस फंड में से 3.6 करोड़ रुपए केंद्र को दे दे. जबकि RBI इसके खिलाफ थी. सरकार की दलील थी कि वह इस फंड का इस्तेमाल सामाजिक कामों में करेगी. इन पैसों को लेकर विवाद बढ़ने के बाद ही RBI के गवर्नर उर्जित पटेल ने इस्तीफा दे दिया था. हालांकि उन्होंने अपने इस्तीफे की वजह निजी बताए थे.