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नाश्ते पर बुलाकर पीएम मोदी ने सांसदों को दी नसीहत, ट्रांसफर पोस्टिंग से रहें दूर

पीएम ने यूपी के बीजेपी सांसदों को नाश्ते पर बुलाया था

Amitesh

विधायकों की रौबगीरी हो या फिर थानों में पहुंचकर पुलिस वालों को सत्ता की हनक के चलते हड़काने की कलाबाजी या फिर टोल नाकों पर बिना किसी टोल टैक्स दिए आगे बढ़ जाने की घटना हो. इस तरह की तस्वीरें अमूमन दिख जाती हैं.

कुछ सांसदों और विधायकों की दादागीरी का आलम ही ऐसा होता है जहां प्रशासन को कई बार उनकी जी-हुजूरी भी करनी पड़ जाती है. और अगर उसी पार्टी की सरकार सूबे में हो तो फिर क्या कहने.


लेकिन, अब इन सांसदों पर भी नकेल कसने की तैयारी शुरू हो गई है और इसका बीड़ा उठाया है खुद प्रधानमंत्री मोदी ने. मोदी-शाह को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं यूपी में बीजेपी को मिली सत्ता के नशे में चूर होकर हमारे सांसद कुछ ऐसा न कर बैठें जो उनके सारे किए कराए पर पानी फेर दे.

जिस मुद्दे को लेकर वो अब तक अखिलेश सरकार को घेरते रहे कहीं उनके अपने ही उन्हें मकड़जाल में घेरने पर उतारू न हो जाएं. इसलिए लिहाजा उन्हें ब्रेकफास्ट पर बुलाकर घुट्टी पिलाई जा रही है.

प्रधानमंत्री की सांसदों को नसीहत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के बीजेपी सांसदों को नसीहत दी है कि प्रदेश के भीतर ट्रांसफर –पोस्टिंग से दूर रहें. प्रधानमंत्री की तरफ से यूपी की ऐतिहासिक जीत और सरकार बनने के बाद सभी सांसदों को अपने आवास पर नाश्ते पर बुलाया गया था.

इस बैठक में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के अलावा यूपी के बीजेपी के सभी सांसद मौजूद थे. मोदी ने बीजेपी के सांसदों को नसीहत दी है कि पुलिस और प्रशासन पर अनावश्यक दबाव न बनाएं.

केंद्र में मोदी प्रदेश में योगी सरकार बन जाने के बाद अब बीजेपी के पास न कोई बहाना है और न ही कोई दूसरा विकल्प. 2019 में दोनों सरकारों को जनता की अदालत में पाई-पाई का हिसाब देना होगा.

दोनों सरकारों के साथ-साथ सभी सांसदों के लिए भी मुश्किल होगी, क्योंकि उन्हें भी क्षेत्र में किए पांच सालों के काम-काज का हिसाब देना होगा.

यही वजह है कि चाय पर चर्चा के बीच मोदी ने एक बार फिर से सांसदों को सुशासन का मूल मंत्र दे दिया. जिनमें केंद्र और राज्य सरकार के सुशासन के काम को आगे बढ़ाने में बीजेपी सांसदों को भी भागीदार बनना होगा.

यूपी में हिंदुत्व के पोस्टर बॉय योगी के सत्ता संभालते ही सवाल इस बात को लेकर खड़े होने लगे हैं कि कैसे विकास के एजेंडे पर पार्टी आगे बढ़ेगी.

लिहाजा, अब पार्टी आलाकमान की तरफ से सबकी नकेल कसी जा रही है जिससे विकास के एजेंडे से इतर किसी का ध्यान न भटकने पाए.