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प्रधानमंत्री की मुस्लिम समुदाय से अपील: तीन तलाक का राजनीतिकरण नहीं होने दें

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार को नागरिकों में भेदभाव का कोई अधिकार नहीं है

Bhasha

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मुस्लिम समाज से कहा कि वे तीन तलाक के मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं होने दें. उन्होंने कहा कि समुदाय के किसी संगठन को सुधार की दिशा में आगे आना चाहिए.


मोदी ने प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के नेताओं से बातचीत के दौरान यह बात कही. प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा है कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत सद्भावना और मेलजोल में है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार को नागरिकों में भेदभाव का कोई अधिकार नहीं है और भारत की विशेषता विविधता में एकता की है. तीन तलाक के मुद्दे पर मोदी ने अपनी यही बात दोहराई कि मुस्लिम समुदाय को इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं होने देना चाहिए.

पीएमओ के अनुसार उन्होंने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से इस दिशा में सुधार शुरू करने की जिम्मेदारी लेने को कहा. बयान के मुताबिक प्रतिनिधिमंडल ने तीन तलाक के मुद्दे पर प्रधानमंत्री के रख की सराहना की.

क्यों आया यह बयान?

मोदी का बयान माकपा नेता सीताराम येचुरी के उस बयान के बाद आया है कितीन तलाक के खिलाफ प्रधानमंत्री का अभियान एक सांप्रदायिक मुहिम है.

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत में नई पीढ़ी को उग्रवाद की वैश्विक बयार का शिकार नहीं होने देना चाहिए. प्रधानमंत्री की आकांक्षा का जिक्र करते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय ‘न्यू इंडिया’ के निर्माण में बराबर का साझेदार बनना चाहता है.

उन्होंने कहा कि आतंकवाद एक बड़ी चुनौती है और इसके लिए उन्होंने अपनी पूरी ताकत से लड़ने का संकल्प व्यक्त किया.