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बजट से ठीक पहले एक बार फिर मोदी सरकार ने अपने संकट मोचक पीयूष गोयल पर दिखाया भरोसा

पीयूष गोयल को पीएम मोदी का भरोसेमंद माना जाता है. वे जिस भी मंत्रालय में रहते हैं, वहां से अच्छे रिजल्ट देते हैं. उनकी शुरुआत मोदी कैबिनेट में ऊर्जा मंत्री के तौर पर हुई थी

FP Staff

अंतरिम बजट से सिर्फ 9 दिन पहले सरकार ने रेल और कोयला मंत्री पीयूष गोयल को बुधवार को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा. हालांकि उन्हें यह जिम्मेदारी अस्थायी तौर पर दी गई है क्योंकि अरुण जेटली इलाज के लिए अमेरिका में हैं. इससे पहले भी जब जेटली अस्पताल में भर्ती थे तब पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था. सरकार के इस फैसले के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि जेटली की जगह पीयूष गोयल ही इस साल का अंतरिम बजट पेश कर सकते हैं.

पीयूष गोयल को पीएम मोदी का भरोसेमंद माना जाता है. वे जिस भी मंत्रालय में रहते हैं, वहां से अच्छे रिजल्ट देते हैं. उनकी शुरुआत मोदी कैबिनेट में ऊर्जा मंत्री के तौर पर हुई थी. गोयल ने मंत्री रहते हुए इसमें कई अहम बदलाव किए और प्रधानमंत्री की सोच को भी आगे बढ़ाया. उनके ही नेतृत्व में 'उदय योजना' को सफलतापूर्वक लागू हुआ. इस योजना का मकसद देश के हर गांव में बिजली पहुंचाने की थी.


कई बार मोदी कैबिनेट में निभा चुके हैं संकट मोचक की भूमिका

कोयला मंत्री रहते हुए उन्होंने कई सुधार किए. पहले कोल माइन्स आवंटन में हमेशा ही अनियमितता की खबर आती थी, लेकिन गोयल के मंत्रालय में आने के बाद यह काम ई-ऑक्शन के जरिए होने लगा और इसमें पारदर्शिता आ गई.

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ऐसा नहीं है कि पहली बार पीयूष गोयल मोदी कैबिनेट में संकट मोचक बन कर उभरे हैं. इससे पहले जब लगातार रेल हादसों के कारण रेल मंत्री सुरेश प्रभु विपक्ष के निशाने पर आ गए थे, तो उनकी जगह गोयल को रेल मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया. उन्होंने इस काम को बखूबी निभाया और अभी भी उस जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं.

बीजेपी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रह चुके हैं पीयूष गोयल

पेशे से चार्टड अकाउंटेंट पीयूष गोयल को वित्तीय मामलों में महारत हासिल है. इसी वजह से पहले वे बीजेपी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष की भूमिका भी सफलतापूर्वक निभा चुके हैं. 2014 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के प्रचार और सोशल मीडिया की जिम्मेदारी भी गोयल के पास ही थी. 54 वर्षीय गोयल फिलहाल राज्यसभा के सदस्य हैं और बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं.

महाराष्ट्र से ताल्लुक रखने वाले पीयूष गोयल का परिवार लंबे समय से बीजेपी से जुड़ा हुआ है. उनके पिता वेद प्रकाश गोयल लंबे समय तक पार्टी के कोषाध्यक्ष पद पर रहे थे और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान केंद्रीय मंत्री भी रहे. पीयूष गोयल की मां का भी राजनीति से नाता रहा है और वे तीन बार विधायक रही हैं.

इस बार के बजट से क्या है जनता की उम्मीदें?

अब जब बजट पेश होने में कुछ ही समय रह गया है तो लोग बजट से उम्मीद भी लगाना शुरू कर दिए हैं. कहा जा रहा है कि इस साल अंतरिम बजट में इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर 3 लाख रुपए तक हो सकती है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक, इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत अभी 1.50 लाख रुपए तक की जो टैक्स छूट मिलती है उसे बढ़ाकर 2 लाख रुपए किया जा सकता है.

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अगर ऐसा होता है तो सामान्य कैटेगरी की इनकम टैक्स छूट की सीमा सीनियर सिटीजन के बराबर हो जाएगी. अभी सीनियर सिटीजन को 3 लाख रुपए की आमदनी पर टैक्स छूट मिलती है. ऐसे में यह भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि सीनियर सिटीजन की टैक्स छूट सीमा 3 लाख रुपए से बढ़कर 3.50 लाख रुपए की जा सकती है.