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डॉक्टर्स को महंगे गिफ्ट नहीं दे पाएंगी फार्मा कंपनियां, लगेगी पेनाल्टी

महंगे गिफ्ट की वजह से डॉक्टर दवा कंपनियां के दवाब में आकर पेशेंट को महंगी दवाएं लिख देते हैं

FP Staff

फार्मा कंपनियां अब अपनी दवाओं की सेल्स बढ़ाने के लिए डॉक्टरों को महंगे तोहफे नहीं दे पाएंगी. सरकार दवा कपनियों पर सख्ती बरत सकती है.

सरकार दवा कंपनियों की तरफ से गिफ्ट देने की सीमा तय कर सकती है. फार्मा डिपार्टमेंट इस मामले में जल्द ही मार्केटिंग प्रैक्टिसिज के लिए यूनिफॉर्म कोड जारी कर सकता है. माना जा रहा है कि आदेश नहीं मानने पर लाइसेंस भी रद्द हो सकता है.


क्या हो सकती है सीमा 

नए नियम के तहत अब कंपनियां डॉक्टरों को 1000 रुपए से ज्यादा महंगे गिफ्ट्स नहीं दे सकती हैं. साथ ही सेमिनार के नाम पर विदेश यात्रा, आउट डोर वैकेशंस और महंगे तोहफे और दूसरी सुविधाएं देने पर पाबंदी रहेगी.

हो सकता है लाइसेंस रद्द

फार्मा डिपार्टमेंट जल्‍द ही नया नोटिफिकेशन जारी कर सकता है. नए नियम डॉक्टरों, दवा कंपनियों और केमिस्ट, होलसेलर्स और डीलर पर भी लागू होंगे.

अगर कोई कंपनी डॉक्टर नियम तोड़ता है तो पेनल्टी भी लगाई जा सकती है. डॉक्‍टर और फार्मा कंपनी दोनों का ही लाइसेंस रद्द किया जा सकता है. इन नियमों को लेकर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और हेल्‍थ मिनिस्‍ट्री से भी चर्चा की गई है.

पहले भी आया था यूनिफॉर्म कोड  

फार्मा कंपनियों के लिए इस तरह का यूनिफॉर्म कोड  2014 में पहले भी लाया गया था, लेकिन वह प्रभावी रूप से लागू नहीं हो पाया.

इधर इस साल मोदी सरकार ने बजट में इसकी गाइड लाइन को लेकर चर्चा की थी और, इस बात का एलान किया था कि लोगों को स्‍तरीय और सस्ती दवाएं उपलब्ध कराई जाएं.

इसलिए लग सकती है रोक

दरअसल, सरकार यह रोक फार्मा कंपनियों और डॉक्टरों के बीच लगातार बढ़ती सांठ-गांठ को देखते हुए लगा सकती है.

सरकार का मानना है कि डॉक्टरों और फार्मा कंपनियों के मिले होने से पेशेंट को ना केवल महंगी दवाइयां मिलती हैं, बल्कि उसे परेशानी भी उठानी पड़ती है. महंगे गिफ्ट की वजह से कई बार डॉक्टर्स वे दवाइयां लिखते हैं, जिनकी जरूरत पेशेंट को नहीं होती है.

न्यूज 18 से साभार