राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत एक बार फिर अपने बयानों से चर्चा में हैं. रायपुर में सोमवार को एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से म्यांमार तक के लोग एक ही डीएनए के हैं. ये बात संघ को उनसे जोड़ती है.
आरएसएस के सरसंघचालक ने कहा कि अफगानिस्तान से बर्मा तक और तिब्बत से श्रीलंका तक जितने जनसमूह रहते हैं, उतने जनसमूह का डीएनए ये बता रहा है कि उनके पूर्वज समान हैं. ये हमको जोड़ने वाली बात है. हम समान पूर्वजों के वंशज हैं.
भारत में रह रहे मुसलमान भी हिंदू हैं
इससे पहले बीते दिसंबर में भी मोहन भागवत ने इसी तरह का बयान त्रिपुरा में दिया था. उन्होंने कहा था कि भारत में रहने वाले सभी लोग हिंदू हैं और हिंदुत्व का अर्थ सभी समुदायों को संगठित करना है.
उन्होंने त्रिपुरा की राजधानी में स्थित स्वामी विवेकानंद मैदान में एक जन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हम हिंदुत्व की बात करते हैं जो हिंदूवाद से अलग है. उन्होंने कहा कि भारत में मुस्लिम भी हिंदू हैं.
हालांकि संघ के जाननेवाले लोग इस बात अच्छी तरह वाकिफ होंगे कि यह बात आरएसएस के नींव में है. यानी वह इस बात को अपने स्थापना के शुरूआती सालों से कहता आ रहा है. वह इन देशों को भारत में मिलाने की बात भी करता है.