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बीजेपी और कांग्रेस में संसद चलने देने पर बनी बात

राष्ट्रपति और लाल कृष्ण आडवाणी की फटकार ने दिखाया असर

सुरेश बाफना

बीजेपी और कांग्रेस में संसद चलाने को लेकर सुलह की संभावना बढ़ गई है.

ऐसा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और बीजेपी के सीनियर लीडर लालकृष्ण आडवाणी की सार्वजनिक फटकार के बाद हो सका है.


लोकसभा में कांग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के मुताबिक शुक्रवार को लोकसभा में नोटबंदी पर बहस हो सकती है. हालांकि, वह यह नहीं बता पाए कि किस नियम के तहत ये बहस होगी.

गुरुवार को राष्ट्रपति ने पिछले 17 दिन से संसद में नोटबंदी पर जारी गतिरोध पर दुख जताया था. उन्होंने कहा कि संसद प्रदर्शन का नहीं, बहस का मंच है.

कांग्रेस नेताओं को भी इसका अहसास हुआ कि इस मुद्दे को और खींचना उनके हित में नहीं होगा.

शुक्रवार से चल सकती है संसद

बीजेपी को अभी भी लगता है कि कांग्रेस शुक्रवार को संसद में क्या करेगी. यह कहना संभव नहीं है.

बीजेपी को लगता है कि अगर किसी तरह लोकसभा में नोटबंदी पर राहुल गांधी का भाषण हुआ. तो कांग्रेस बहस को किसी न किसी बहाने रोकने की कोशिश कर सकती है.

पिछले 17 दिन से नोटबंदी के सवाल पर संसद में जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए लोकसभा स्पीकर और विपक्ष के नेताओं के बीच बातचीत हुई. लेकिन किस नियम के तहत बहस हो इस पर सहमति नहीं बन पाई.

कांग्रेस नियम 184 और मोदी सरकार नियम 193 के तहत बहस कराने पर अड़े रहे.

लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन की तरफ से एक प्रस्ताव यह भी दिया गया कि नियम का विवाद छोड़कर सदन में बहस शुरु की जाए.

कांग्रेस, तृणमूल और वामपंथी दल इस प्रस्ताव पर भी सहमत नहीं हुए.

नोटबंदी पर अब बहस से नहीं मिलेगा लाभ

नोटबंदी मामले पर विपक्षी दलों ने अब तय किया कि संसद में बहस करने से कोई राजनीतिक लाभ नहीं मिलेगा.

बीजपी चाहती है कि लोकसभा में बहस शुरु होने के साथ ही राज्यसभा में अधूरी बहस को पूरा किया जाए. ऐसा नहीं होने पर बीजेपी लोकसभा में राहुल गांधी का भाषण रोकने की कोशिश कर सकती है.

लोकसभा में बीजेपी चाहेगी कि अगर बहस हो तो इसकी शुरुआत नोटबंदी पर वित्त मंत्री अरुण जेटली के लंबे बयान से हो.