view all

संसद का बजट सत्र अनिश्चिकाल के लिए स्थगित, कई मायनों में रहा ऐतिहासिक

इस सत्र में लोकसभा की प्रोडक्टिविटी 113.27 फीसदी और राज्यसभा की 92.43 फीसदी रही

Bhasha

संसद का बजट सत्र बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया.

इस दौरान जीएसटी समेत कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए.


इस बार के संसदीय सत्र से वित्त वर्ष 2017-18 के आम बजट को पिछले वित्त वर्ष में पारित करने और रेल बजट को आम बजट में सम्मलित करने जैसी नई संसदीय परंपराओं का सूत्रपात हुआ. इस सत्र में लोकसभा की प्रोडक्टिविटी 113.27 फीसदी और राज्यसभा की 92.43 फीसदी रही.

इस बार का सत्र 31 जनवरी को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण से शुरू हुआ.

बजट सत्र बुधवार को भोजनावकाश के पहले ही दोनों सदनों में राष्ट्रगीत की धुन बजाए जाने के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. सत्र के पहले चरण में लोकसभा की कुल सात और राज्यसभा की आठ बैठकें हुईं. दूसरे चरण में निचले सदन की 22 एवं उच्च सदन की 21 बैठकें हुई.

जीएसटी का पास होना सबसे बड़ी उपलब्धि 

लोकसभा में सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने अपने पारंपरिक संबोधन में कहा कि कि विधायी क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि जीएसटी से संबंधित चार बिलों का पारित होना रही.

उन्होंने कहा, ‘यह अत्यंत सार्थक और उत्पादक सत्र रहा जो हमारी साख के लिए अनुकूल है.’

राज्यसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले सभापति हामिद अंसारी ने अपने पारंपरिक संबोधन में कहा कि अंतिम दो कतारों में बैठने वाले सदस्यों का भी इस दौरान उल्लेखनीय प्रदर्शन रहा.

संसदीय इतिहास का स्वर्णिम सत्र

संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं यह कह सकता हूं कि इसे भारतीय संसदीय इतिहास का एक स्वर्णिम सत्र कहा जाएगा.'

उन्होंने कहा, 'भारत के संसदीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि सरकार के सभी वित्तीय कार्यो को अगले वित्तीय वर्ष आरंभ होने से पहले सामान्य चर्चा की उचित प्रक्रिया, स्थायी समितियों द्वारा संवीक्षा, कुछ अलग अलग मंत्रालयों पर चर्चा आदि का पालन करते हुए 31 मार्च से पहले ही पूरा कर लिया गया. साथ ही, इसमें कोई शार्टकट तरीका भी नहीं अपनाया गया.’