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पन्नीरसेल्वम बने सीएम, जयललिता के वफादार को मिला उत्तराधिकार

ओ पन्नीरसेल्वम तमिलनाडु के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं.

FP Staff

ओ पन्नीरसेल्वम तमिलनाडु के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं. इससे पहले भी वह दो बार मुख्यमंत्री का पद संभाल चुके हैं. लेकिन इस बार हालात पहले से अलग हैं.

जयललिता 2001 में भ्रष्टाचार के मामले में जब पहली बार जेल गईं तो मुख्यमंत्री पद संभालने के लिए अचानक जिस नाम की घोषणा हुई थी, वह नाम था ओ पन्नीरसेल्वम. 2014 में भी जयललिता को सजा होने पर पन्नीरसेल्वम को ही मुख्यमंत्री की जिम्मेदारियां दी गई थीं. दोनों बार वह वफादार सेवक की तरह राज चलाते रहे और जयललिता की वापसी पर सत्ता उन्हें सौंप दी.


यह माना जाता रहा कि पन्नीरसेल्वम को उनकी वफादारी के कारण यह जिम्मेदारियां मिलीं. 2001 और 2014, दोनों बार पन्नीरसेल्वम ने सत्ता तो संभाली लेकिन असली मुख्यमंत्री जयललिता ही रहीं.

इस बार ऐसा नहीं हैं. जयललिता के निधन से एआईएडीएमके और तमिलनाडु राज्य में जो नेतृत्व की कमी हुई है, उसे पनीरसेल्वम को स्थायी रूप से भरना होगा.

पन्नीरसेल्वम की छवि जयललिता के बेहद करीबी और विश्वासपात्र के रूप में है. जयललिता जब जेल गई थीं तो पन्नीरसेल्वम को सार्वजनिक मंच से रोते हुए देखा गया था. जयललिता जबसे बीमार थीं, उनकी गैर-मौजूदगी में पनीरसेल्वम ही कामकाज संभाल रहे थे. वे कैबिनेट मीटिंग की अध्यक्षता भी कर रहे थे.

मीडियो रिपोर्ट्स के मुताबिक, पन्नीरसेल्वम के निर्देश के बाद कैबिनेट बैठक में जयललिता की तस्वीर रखी जाती रही और जरूरी फैसले लिए जाते थे. वह अपनी जेब में भी जयललिता की तस्वीर रखते हैं. हालांकि, अब जया के जाने के बाद उनकी जिम्मेदारी बदल जाएगी. अब उन्हें एक सेवक के रूप में नहीं बल्कि एक नेता के रूप में पार्टी को आगे ब़ढ़ाना होगा.