view all

विपक्ष सदन में बैठने का पहले सलीका सीखे: पंकज सिंह

बीजेपी एमएलए पंकज सिंह ने कहा सदन में नए लोग आए हैं वो क्या सीखेंगे!

Amitesh

यूपी विधानसभा में पहले दिन जिस तरह से राज्यपाल राम नाईक के संबोधन के दौरान हंगामा हुआ, उसको लेकर अब आरोप-प्रत्यारोप लगाए जाने लगे हैं. सदन के दूसरे दिन भी सत्ता पक्ष और विपक्ष में इस बात पर नोक-झोंक भी हुई.

सत्ताधारी बीजेपी की तरफ से इस मामले में नोएडा से बीजेपी विधायक पंकज सिंह ने मोर्चा संभाला. पंकज सिंह ने सदन के भीतर की घटना की निंदा करते हुए इसे संवैधानिक व्यवस्था पर चोट बताया.


विधानसभा में हुआ जमकर हंगामा

विधानसभा के पहले ही दिन राज्यपाल के संबोधन के दौरान हुए हंगामे ने सदन की गरिमा को तार-तार कर दिया. राज्यपाल राम नाईक के संबोधन के दौरान समाजवादी पार्टी के सदस्य राज्यपाल की तरफ कागज के टुकड़े उछालते नजर आए.

बीजेपी की तरफ से विधायक पंकज सिंह ने सदन के भीतर की घटना की आलोचना करते हुए कहा, 'कल सदन का पहला दिन था और बहुत सारे नए विधायक इस सदन में आए. हमें यह उम्मीद थी कि महामहिम के अभिभाषण को सुनकर अपना ज्ञानवर्धन करेंगे और सरकार की दिशा को समझने की कोशिश करेंगे. लेकिन कल यहां जिस तरह का हंगामा हुआ उससे राज्यपाल जी के अभिभाषण को छोड़कर बाकी सब कुछ सुनाई दिया.

जब पंकज सिंह ने संभाला मोर्चा

बीजेपी की तरफ से विधानसभा के भीतर मोर्चा संभालते हुए पंकज सिंह ने कहा कि इस सदन में पहले भी हंगामा होता रहा है लेकिन, कभी राज्यपाल को इस तरह से निशाना नहीं बनाया गया.

राज्यपाल के पद की गरिमा को बनाए रखने की अपील करते हुए पंकज सिंह ने यह भी कहा की सोमवार की घटना से राज्यपाल की गरिमा को ठेस पहुंचाई गई है. पंकज सिंह ने यूपी विधानसभा के पहले के इतिहास का जिक्र करते हुए विरोधियों पर वार किया.

पंकज सिंह ने कहा कि गोविंद वल्लभपंत, सम्पूर्णानन्दजी और चैधरी चरण सिंह जैसी महान विभूतियों ने इस सदन को गौरवान्वित करने का काम किया है. ऐसे हम लोगों को ऐसे नेताओं से सीख लेने की आवश्यकता है.

विरोधियों पर सीख का कोई असर नहीं 

लेकिन, बीजेपी की इस सीख का विरोधियों पर असर नहीं दिखा. यूपी विधानसभा के भीतर विपक्ष के नेता रामगोविंद चौधरी का कहना था कि विपक्षी सदस्य सदन के भीतर राज्यपाल महोदय तक अपनी बात रखना चाहते थे. लेकिन, वहां तक नहीं जाने दिया गया लिहाजा उनकी तरफ से अपनी बात को उस कागज के टुकड़े के माध्यम से फेंक कर पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे.

विपक्ष के नेता के इस बात को देखकर ऐसा लग रहा था कि सदन के भीतर राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान हुए हंगामे पर उनको बिल्कुल ही खेद नहीं है. लेकिन, यूपी विधानसभा की कार्यवाही के शुरुआती दिन हुए हंगामे ने विधानसभा की कार्यवाही और सदस्यों के व्यवहार पर सवाल खड़े कर दिए हैं.