कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि यह कहना हास्यास्पद होगा कि उनके परिवार का कोई भी सदस्य केंद्र सरकार के छह सचिवों वाले विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) को प्रभावित कर सकता था.
उन्होंने इन आरोपों का खंडन किया कि उनके बेटे कार्ति ने अब निष्क्रिय एफआईपीबी के फैसले को प्रभावित किया. उन्होंने कहा कि यह सरकार के सचिवों पर झूठे आरोप हैं.
चिदंबरम ने सोमवार को कहा, ‘जिन भी लोगों ने मेरे साथ काम किया है कि वह जानते हैं कि किसी में भी मेरे फैसले को प्रभावित करने की हिम्मत नहीं है. मैंने कभी अपने परिवार के किसी सदस्य को आधिकारिक मामले में मुझसे या किसी अधिकारी से बात करने की इजाजत नहीं दी थी.’
सीबीआई ने लगभग पंद्रह दिन पहले कार्ति, INX मीडिया के संस्थापकों इंद्राणी और पीटर मुखर्जी के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, घूसखोरी और सरकारी अधिकारियों को प्रभावित करने की एफआईआर दर्ज की है.
सीबीआई का दावा है कि कार्ति को एक कंपनी के जरिये INX मीडिया से धन मिला जिससे उसके खिलाफ कर जांच को प्रभावित किया जा सके. इस कंपनी पर अप्रत्यक्ष रूप से कार्ति का ही नियंत्रण था.
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि जहां तक एफआईपीबी के मामलों का सवाल है उन्होंने सिर्फ एफआईपीबी की सिफारिशों वाले उन मामलों को मंजूरी दी जो उनके सामने आर्थिक मामलों के सचिव द्वारा रखे गए थे.
चिदंबरम ने कहा कि पिछले दो सप्ताह के दौरान इस बारे में मीडिया में चीजें लीक की गईं. गलत मंशा से इन्हें सोशल मीडिया पर डाला गया. उन्होंने कहा, ‘एफआईआर की प्रति भी मुझे सोशल मीडिया से ही मिली. यह चीजें मेरे गृह राज्य तमिलनाडु के चेन्नई से लीक हुई हैं.’