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सुषमा को ट्रोल करने के मामले पर चिदंबरम ने कहा, 'ट्रोल हैं आज के नए प्रचारक'

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि ट्विटर पर ट्रोल करने वाले लोग 'नए प्रचारक' हैं जो कि एक या दो नेता की सेवा करने के लिए हैं

FP Staff

सोशल मीडिया पर ट्रोल आर्मी कभी किसी को भी नहीं बख्शती, चाहे वो बी-टाउन के सेलिब्रिटी हों या फिर कोई राजनेता. हालांकि हाल ही में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्विटर पर जिस तरह से ट्रोल किया गया उसका तमाम सेलिब्रिटी सहित विपक्ष के नेताओं ने भी विरोध किया.

इसी बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि ट्विटर पर ट्रोल करने वाले लोग 'नए प्रचारक' हैं जो कि एक या दो नेता की सेवा करने के लिए हैं. इनको कई बड़े बीजेपी नेता ट्विटर पर फॉलो करते हैं और किसी की हिम्मत नहीं है कोई इन्हें कुछ कह सके.


 प्रधानमंत्री ने टेकओवर की विदेश नीति

चिदंबरम ने कहा कि सुषमा स्वराज ने सरकार में जगह पाने के लिए अकेले ही सारी लड़ाई लड़ी और आखिरी में उन्हें विदेश मंत्री बना दिया गया. लेकिन विदेश नीति के मामले में उनके राय को अभी भी बहुत तरजीह नहीं दी जाती, क्योंकि विदेश नीति को पूरी तरह से प्रधानमंत्री ने टेकओवर कर लिया है.

उन्होंने कहा कि 2009 से 2014 के दौरान वह लोकसभा में विपक्ष की नेता रहीं. अगर उनकी पार्टी बहुमत में आती तो संसदीय लोकतंत्र में प्राकृतिक रूप से उन्हें प्रधानमंत्री पद का दावेदार माना जाता. लेकिन 2014 में बीजेपी के जीतने के बावजूद ज़्यादा राजनीतिक सूझबूझ वाले और ऊर्जा वाले बाहरी व्यक्ति को पार्टी का नेता घोषित कर दिया गया.

मिस्टर होम मिनिस्टर, क्या वास्तव में हमें इसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए

'द इंडियन एक्सप्रेस' के रविवार के संस्करण में चिदंबरम ने लिखा कि काफी दिनों के बाद राजनाथ सिंह ने इस पर विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि जो भी उनके साथ हुआ वो गलत था, लेकिन उन्हें इसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए. वह आगे लिखते हैं, 'मिस्टर होम मिनिस्टर, क्या वास्तव में हमें इसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए. इसी पैमाने से हमें मोरल पुलिस, लव-जिहादियों, गोरक्षकों और लिंच मॉब को भी गंभीरता से नहीं लेना चाहिए.'

इससे पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी कहा था कि सुषमा स्वराज को ट्रोल करने वालों को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि क्या प्रधानमंत्री मोदी में इतनी हिम्म्त है कि वो ट्रॉल करने वालों की निंदा करके उदाहरण पेश कर सकें?

ट्रॉल आर्मी के बारे में विस्तार से बताते हुए चिदंबरम ने कहा, 'हाल के कुछ महीनों में अफवाहों के कारण भीड़ लोगों को बच्चा-चोर समझकर मार डालती है. आज की आभासी दुनिया में भीड़ ने ट्रोल का रूप ले लिया है, जो कि असहिष्णु, अभद्र और हिंसक है. 'हेट स्पीच' और 'फेक न्यूज़' उनके हथियार हैं. हो सकता है वो किसी को मारते न हों, लेकिन मेरा पूरा विश्वास है कि अगर वास्तविक दुनिया में अगर वे किसी हिंसकर भीड़ का भाग होते तो ऐसा करने से कतई नहीं हिचकिचाते.'

ट्विटर पर ट्रोल हुईं थी सुषमा स्वराज

दरअसल, सुषमा स्वराज को सोशल मीडिया पर एक अन्तर-धार्मिक जोड़े को पासपोर्ट जारी करने के मामले में निशाना बनाया गया था. लखनऊ में मोहम्मद अनस सिद्दीकी और तन्वी सेठ को कथित तौर पर एक पासपोर्ट अधिकारी ने परेशान किया. जब जोड़े ने सुषमा स्वराज को मामले में ट्वीट किया तो उन्हें पासपोर्ट जारी किए जाने के साथ ही पासपोर्ट अधिकारी का ट्रांसफर भी कर दिया गया. ये बात कुछ लोगों के गले नहीं उतरी जिसकी वजह से सुषमा स्वराज को कड़ी निंदा का सामना करना पड़ा.

आरएसएस के नेता राजीव तुली ने सुषमा स्वराज का विरोध किया और कहा कि मंत्री भी नियमों से ऊपर नहीं हैं और मामले की ठीक से जांच होनी चाहिए. उन्होंने पासपोर्ट अधिकारी के लिए न्याय की मांग की और अधिकारी को अपनी बात रखने का मौका दिए जाने की बात कही.

(साभार न्यूज18)