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‘साझी विरासत की रक्षा’ के लिए विपक्ष का संयुक्त लड़ाई का आह्वान

विपक्षी नेताओं ने देश के बुनियादी उसूलों और मूल्यों को बचाने के लिए समान विचार वाले सभी दलों से हाथ मिलाने का आह्वान किया

Bhasha

विपक्षी दलों के कई नेताओं ने देश की साझी विरासत की रक्षा के लिये संयुक्त लड़ाई का आह्वान किया है. उनका आरोप है कि बीजेपी के शासनकाल में देश की साझी विरासत खतरे का सामना कर रही है.

कांग्रेस की मुंबई इकाई के प्रमुख संजय निरूपम द्वारा शुक्रवार रात आयोजित ‘साझी विरासत बचाओ’ कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने सरकार पर जोरदार हमले किए. उन्होंने आह्वान किया कि देश के बुनियादी उसूलों और मूल्यों को बचाने के लिए समान विचार वाले सभी दल एक साथ हाथ मिलाएं.


जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के बागी नेता शरद यादव ने बैठक की अध्यक्षता की.

कार्यक्रम में सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई के नेता डी राजा और कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने भी शिरकत की. इसके अलावा आरएलडी के नेता जयंत चौधरी, जेवीएम के अध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी, जेडीयू नेता अली अनवर, टीएमसी नेता सुखेंदु शेखर रॉय, महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण, समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष अबु आसिम आजमी, सांसद राजू शेट्टी और आरजेडी नेता जय प्रकाश यादव भी कार्यक्रम में शामिल थे.

शरद यादव ने कहा, ‘हमारा संविधान खतरे में है क्योंकि बीजेपी नीत सरकार इसके बेहद बुनियादी सिद्धांतों से खिलवाड़ कर रही है.’ उन्होंने लोगों से नोटबंदी के एक साल पूरा होने पर 8 नवंबर को ‘काला दिवस’ के तौर पर मनाने का आह्वान किया. येचुरी ने कहा कि यह बेहद चिंता की बात है कि देश की साझी विरासत अब खतरे में है.

सीपीआई नेता डी राजा ने आरोप लगाया कि संविधान के नीति निर्देशक सिद्धांत ‘खतरे’ में है.

आनंद शर्मा ने दोहराया, ‘जीएसटी कर आतंकवाद के सिवा कुछ नहीं है. इससे पहले नोटबंदी ने लोगों की कमर तोड़ दी, जो पूरी तरह से विफल साबित हुआ.’ मुंबई में ‘साझी विरासत बचाओ’ के संयोजक संजय निरूपम ने कहा कि यह कार्यक्रम विपक्षी एकजुटता को मंच प्रदान करेगा.