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नोटबंदी पर विपक्ष एकजुट, पीएम की उपस्थिति की मांग

संसद में विपक्ष ने एकजुटता दिखाते हुए सरकार पर हमला बोला

IANS

नई दिल्ली. नोटबंदी के बाद बुधवार को शुरू हुए संसद सत्र में समूचे विपक्ष ने एकजुटता दिखाते हुए सरकार पर हमला बोला. नोटबंदी के चलते पैदा हुई असुविधाओं के बीच कई लोगों की मौत, व्यापार ठप होने और आम जन-जीवन के अस्त-व्यस्त हो जाने के कारण सरकार बुरी तरह घिर गई है. विपक्ष की ओर से कांग्रेसी नेता आनंद शर्मा, वाम दलों की ओर से सीताराम येचुरी और बसपा की मायावती ने सरकार पर गंभीर सवाल उठाए और फैसले को वापस लेने की मांग की.

राज्यसभा में विपक्षी नेताओं ने नोटबंदी पर उनके विचारों को सुनने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राज्यसभा में मौजूदगी की मांग की. यह मांग सबसे पहले बसपा प्रमुख मायावती ने की. बाद में कांग्रेस नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी इसका समर्थन किया. मायावती ने कहा, 'नोटबंदी एक बहुत संवेदनशील और महत्वपूर्ण मुद्दा है. प्रधानमंत्री को इस सदन में आना चाहिए और इस पर हम लोगों की बातें सुननी चाहिए.'


आजाद ने कहा, 'अक्सर प्रधानमंत्री कहते हैं और हम सब सुनते हैं. वह टेलीविजन पर बोलते हैं, रेडियो पर बोलते हैं लेकिन यही मीडिया हम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है. ऐसा कोई रास्ता नहीं जिसके जरिए हम लोग प्रधानमंत्री तक अपनी बात पहुंचा सकें. इसलिए हम लोग मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री को राज्यसभा में बैठकर विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं को सुनना चाहिए.' आजाद ने सरकार और विपक्ष के बीच संवाद की बेहद कमी का भी आरोप लगाया.

येचुरी ने फ्रांस की महारानी से की मोदी की तुलना

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी ने केंद्र सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री की तुलना फ्रांस की महारानी मैरी एंटोइनेट्टे से की. येचुरी ने कहा, 'केंद्र सरकार के इस फैसले ने मुझे फ्रांस की मशहूर क्रांति के उस वाकये की याद दिला दी, जब फ्रांस की महारानी ने कहा था कि अगर जनता के पास खाने के लिए रोटी नहीं है तो वे केक क्यों नहीं खाते. अब हमारे पास मोदी एंटोइनेट्टे हैं जो कह रहे हैं कि 'आपके पास कागज (नोट) नहीं हैं तो प्लास्टिक (डेबिट/क्रेडिट कार्ड) का इस्तेमाल कीजिए'.'

येचुरी ने कहा, 'देश में कितने लोगों के पास प्लास्टिक के कार्ड हैं? देश की 130 करोड़ की आबादी में सिर्फ 2.6 करोड़ लोगों के पास इस तरह के कार्ड हैं. क्या इससे हमारी अर्थव्यवस्था चल सकेगी? देश की 80 फीसदी से अधिक अर्थिक गतिविधियां नकद के रूप में होती हैं. नोटबंदी के पक्ष में प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए एक भी कारण तर्कसंगत नहीं हैं, चाहे नकली नोटों से आतंकवादियों को मिलने वाली मदद का मामला हो, काले धन की बात हो या नकली नोट और भ्रष्टाचार की बात हो.'

येचुरी ने सरकार के फैसले पर हैरानी जताते हुए कहा, 'देश का 93 प्रतिशत ग्रामीण इलाका बैंकिंग के दायरे में नहीं है. देश की कुल 18 प्रतिशत जनसंख्या बैंकिंग के दायरे में नहीं है. 26 प्रतिशत किसान आत्महत्याएं बढ़ गई हैं. लोग पैसे की तंगी से मर रहे हैं, दस महीने से तैयारी से चल रही थी. आपने क्या तैयारी की?'

सरकार 10 साल में भी काला धन वापस नहीं ला सकती : शरद यादव

जनता दल (यूनाइटेड) के राज्यसभा सांसद शरद यादव ने सदन में कहा कि सरकार के नोटबंदी के फैसले से आम आदमी सबसे अधिक परेशान हो रहा है और सरकार 10 साल में भी काला धन बाहर निकलाने में सक्षम नहीं है. केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए शरद यादव ने कहा कि किसान नकदी में ही लेनदेन करता है, न कि चेक के जरिए.

राज्यसभा में नोटबंदी पर चर्चा के दौरान यादव ने कहा, 'हम काले धन के खिलाफ हैं और इसे बंद किया जाना चाहिए. लेकिन मेरा दावा है कि सरकार अगले 10 साल में भी विदेशों से काला धन वापस नहीं ला पाएगी. सरकार के इस फैसले से सर्वाधिक परेशान आम आदमी ही हुआ है. सारे बाजार बंद हैं, किसान और दिहाड़ी कमाने वालों को भारी परेशानी हुई है. किसान चेक के जरिए लेनदेन नहीं करते. वे नकदी में ही लेनदेन करते हैं. आपने किसानों के लिए क्या व्यवस्था की है? किसानों को आप किस तरह सहूलितय देने वाले हैं?'

नोटबंदी के खिलाफ कार्यस्थगन प्रस्ताव लाएंगे : ममता

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी नोटबंदी के कदम के कारण लोगों को जिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा रहा है, उसे लेकर लोकसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव लाएगी. ममता ने कुछ विपक्षी नेताओं के साथ राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कहा कि उनकी पार्टी कालाधन रोकने के पक्ष में है. लेकिन केंद्र सरकार पर बगैर उचित योजना बनाए नोटबंदी को लागू कर रही है. उन्होंने कहा कि हम गुरुवार को लोकसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव लाएंगे.

ममता ने नोटबंदी के फैसले को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि इसकी वजह से लोगों को बहुत अधिक तकलीफ हो रही है. लोग बैंक और एटीएम के सामने लंबी कतारों में लगने के लिए मजबूर हैं.

ममता बनर्जी और तीन अन्य दलों के नेताओं ने नोटबंदी के कारण 'वित्तीय आपदा' का सामना कर रहे लोगों की समस्याओं को देखते हुए बुधवार को राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि पूरे देश में नकदी की कमी की वजह से पैदा तनाव से अब तक कम से कम 20 से 30 लोगों की मौत हो चुकी है. ममता ने नोटबंदी के आदेश को वापस लेने के लिए तृणमूल कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस, शिव सेना और आम आदमी पार्टी के मार्च का नेतृत्व किया.

(आईएएनएस से इनपुट के साथ)