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पशुवध नियम पर मोदी सरकार हुई नरम, बदलाव के सुझावों पर विचार को तैयार

हर्षवर्धन ने कहा है कि नए नियम सरकार के लिए प्रतिष्ठा का सवाल नहीं हैं

FP Staff

पशुवध के लिए मंडियों से मवेशियों की खरीद फरोख्त पर केंद्र सरकार ने नए नियम बनाते हुए इसे रोक दिया था. हालांकि अब नए नियमों को लेकर सरकार के रुख में थोड़ी नरमी के संकेत मिल रहे हैं. पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि नए नियम सरकार के लिए प्रतिष्ठा का सवाल नहीं हैं और वह इस पर आए सभी सुझावों का अध्ययन कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि पशु क्रूरता निरोधक अधिनियम लोगों की खाने पीने की आदत या बूचड़खानों के कारोबार को प्रभावित करने के लिए नहीं हैं. पशु क्रूरता निरोधक अधिनियम के तहत प्रतिबंध की घोषणा के बाद पर्यावरण मंत्रालय को इस पर कई सुझाव मिले हैं, जिसमें सरकार से वैकल्पिक सुझावों पर विचार करने को कहा गया है.


वहीं बीते मंगलवार को मद्रास उच्च न्यायालय ने पशुबाजारों में वध के लिए मवेशियों की खरीद-फरोख्त से जुड़ी अधिसूचना के अमल पर चार हफ्ते के लिये रोक लगा दी थी. यह आदेश उस याचिका पर दिया गया जिसमें इस आदेश को निजी स्वतंत्रता का विरोधी, आजीविका के अधिकार और राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले मामलों में हस्तक्षेप करार देते हुये चुनौती दी गयी थी.

आपको बता दें कि गौमांस खाने और मवेशियों के व्यापार को लेकर विवाद एक राष्ट्रव्यापी मुद्दा बन गया और तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक समेत कई राज्यों में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन हुए. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस प्रतिबंध को अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताया तथा कहा कि उनकी सरकार इसे स्वीकार नहीं करेगी.

इस फैसले से मीट और चमड़े के निर्यात और व्यापार के प्रभावित होने की उम्मीद है. वित्त मंत्री अरूण जेटली ने पूर्व में कहा था कि इस प्रतिबंध का राज्यों के गौवध को लेकर बनाये गए कानूनों से कुछ लेना देना नहीं और यह सिर्फ बिक्री की जगह से जुड़ा है.

(इनपुट भाषा से)