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ओम प्रकाश चौटाला ने अपने पोतों को पार्टी से निकाला

दुष्यंत और दिग्विजय पर देवीलाल की जयंती पर सात अक्टूबर को गोहाना में रैली में हंगामे के बाद ‘अनुशासनहीनता, अराजकता और असंतोष’ फैलाने का आरोप लगा था

Bhasha


पारिवारिक विवाद के कारण इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) शुक्रवार को संकट में घिर गया. पार्टी अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला ने अपने दो पोतों को ‘अनुशासनहीनता’ का दोषी पाते हुए उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया.

इससे कुछ दिन पहले हिसार के सांसद दुष्यंत चौटाला और युवा नेता दिग्विजय चौटाला को पार्टी से निलंबित किया गया था. दोनों ही ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय के बेटे हैं.

ओम प्रकाश चौटाला ने एक बयान में कहा, ‘इनेलो सांसद दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला को तत्काल प्रभाव से प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया जाता है.’

बयान में स्पष्ट किया गया है कि दुष्यंत चौटाला अब पार्टी के संसदीय बोर्ड के नेता नहीं हैं.

ओम प्रकाश चौटाला ने कहा कि यह कोई आसान फैसला नहीं था क्योंकि दोनों ही उनके परिवार के सदस्य हैं. वह अपने पूरे जीवन में पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल के आदर्शों पर चले जिनके लिए पार्टी हमेशा परिवार के किसी भी सदस्य से बड़ी रही.

उन्होंने कहा कि पार्टी और अपने परिवार के सदस्यों के बीच चुनाव करते हुए उन्होंने अनुशासन समिति के निष्कर्षों के साथ जाने का फैसला किया.

देवीलाल की जयंती कार्यक्रम में हंगामा किया था:

दुष्यंत और दिग्विजय पर देवीलाल की जयंती पर सात अक्टूबर को गोहाना में रैली में हंगामे के बाद ‘अनुशासनहीनता, अराजकता और असंतोष’ फैलाने का आरोप लगा था.

ओम प्रकाश चौटाला ने कहा कि उन्हें बाहर से किसी सबूत की जरुरत नहीं है क्योंकि वह गोहाना में अशोभनीय दृश्य के खुद ही चश्मदीद हैं, जहां उनके भाषण में लगातार बाधा डाली गई.

शिक्षक भर्ती घोटाले में अपने बड़े बेटे अजय चौटाला के साथ दस साल की कैद की सजा काट कर रहे ओम प्रकाश चौटाला पैरोल पर रैली में पहुंचे थे.

निष्कासन के फैसले पर अनभिज्ञता प्रकट करते हुए दिग्विजय चौटाला ने कहा, ‘आधिकारिक रुप से संदेश मिल जाने के बाद ही मैं कोई प्रतिक्रिया दे पाऊंगा.’