उत्तर प्रदेश सरकार में बीजेपी की साझेदार सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के अध्यक्ष काबीना मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि उनकी पार्टी बीजेपी से नाता जोड़े रखने को लेकर सही समय पर निर्णय लेगी.
अपनी ही सरकार पर लगातार हमले कर रहे राजभर ने बीजेपी की तरफ से खुद पर हुए पलटवार के बारे में कहा 'समय बताएगा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में हम एक साथ रहेंगे या नहीं.' उन्होंने कहा, 'वैसे हम बीजेपी के साथ हैं. मगर गलत बात को हमेशा गलत कहते रहेंगे. हम अपनी पार्टी का संगठन बढ़ा रहे हैं. चुनाव आएगा तो देखा जाएगा. हम सही समय पर फैसला लेंगे.' राजभर से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय के उस बयान के बारे में सवाल किया गया था, जिसमें उन्होंने राजभर को आवश्यक बुराई करार देते हुए कहा था कि वह उन्हें ढो रहे हैं.
प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राजभर ने कहा, 'हमें अनावश्यक क्यों ढो रहे हैं, हिम्मत हो तो हटा दें. सरकार को पिछड़ों के कल्याण का एक भी काम करने की फुरसत नहीं है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य सरकार से एसबीएसपी को एक कार्यालय भवन आबंटित करने को कहा था, मगर नहीं दिया गया. साथ ही विभिन्न शासकीय निगमों में से एक अध्यक्ष दो उपाध्यक्ष पद देने को कहा था, वह भी नहीं हुआ. जाहिर है कि वह हमें अनावश्यक ही ढो रहे हैं.'
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से छह महीने पहले कहा गया था कि पिछड़ों के लिए कोटा में कोटा लागू किया जाए. इतना वक्त गुजर गया, मगर रत्ती भर प्रगति नहीं हुई. अब क्या करेंगे क्योंकि दो-तीन माह बाद लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाएगी. सरकार का इन सब पर ध्यान नहीं है. वह बस, हमें ही देख रहे हैं. राजभर ने कहा कि प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष के हिसाब से लगभग 100 करोड़ हिन्दू उन्हीं के साथ हैं लेकिन फिर भी वह कमल संदेश यात्रा में मोटरसाइकिल लेकर सड़क पर घूम रहे हैं. समय ही बताएगा कि उन्हें कितना समर्थन मिल रहा है.
'विनाशकाले विपरीत बुद्धि'
काबीना मंत्री ने कहा, 'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों मेरे बारे में विनाशकाले विपरीत बुद्धि वाली टिप्पणी की है. अगर ऐसा है तो वह हमें हटा क्यों नहीं देते. अब चूंकि हम उनके साथ सुर में सुर मिलाकर बात नहीं मानें तो ठीक रहेगा. मगर, हमने तो संविधान के दायरे में रहकर काम करने की शपथ ली है.'
सरकार में भागीदार होने के बावजूद बीजेपी से इतनी तल्खी के सवाल पर उन्होंने कहा, 'हम वंचित वर्ग के लोग हैं. आज किसी भी अधिकारी या नेता का बेटा सरकारी प्राइमरी स्कूल में नहीं पढ़ता है. करीब 40-50 साल पहले जो बच्चे जिन स्कूलों में पढ़कर वैज्ञानिक और डॉक्टर बनते थे, आज उनका स्तर बहुत गिर गया है. अगर हम बुनियादी शिक्षा प्रणाली में सुधार की बात कर रहे हैं तो कहा जा रहा है कि हमारा दिमाग खराब हो गया है. हम कोटा में कोटा के जरिए वंचितों को हक दिलाना चाहते हैं, तो कहा जा रहा है कि हमारी विनाशकाले विपरीत बुद्धि हो गई.
विश्व हिन्दू परिषद और कुछ अन्य संगठनों के जरिए अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग किए जाने के बारे में पूछे जाने पर राजभर ने कहा कि यह सिर्फ भावनाएं भड़काकर वोट लेने की साजिश है. जब मामला न्यायालय में विचाराधीन है तो फिजूल की बातें क्यों की जा रही हैं.